खबर के मुताबिक मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि राज्य में 100 से अधिक निकाय बने। जिसके कारण कई पंचायतों का समीकरण बिगड़ गया हैं। उन्होंने कहा की पंचायतों में आरक्षण के नियमों का पालन हो। इसके लिए हमने ये विधेयक लेकर आया हैं।
बता दें की इस विधेयक के मुताबिक पंचायत की आबादी 1991 की जनगणना के अनुसार तीन हजार से अधिक होगी तभी वह पंचायत रहेंगे। इससे कम आबादी होने पर उसे बगल के पंचायत में विलय कर दिया जाएगा। इसको लेकर तैयारी चल रही हैं।
मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि पंचायतों में शिफ्ट करने के दौरान जो बड़े गांव होंगे उन्हीं के नाम पर पंचायत का भी नाम होगा। मिली जानकारी के अनुसार इसको लेकर बिहार पंचायती राज संशोधन विधेयक 2021 विधेयक पारित किया गया है।

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