ताजा रिपोर्ट के मुताबिक बिहार के वैसे मुखिया जिन्होंने अपने काम कार्य की ऑडिट नहीं कराये हैं। उन्हें पंचायत चुनाव में आयोग घोषित कर दिया जायेगा। विभाग ने इन मुखिया को 31 मार्च तक का समय दिया हैं। लेकिन अभी तक सैकड़ों मुखिया में अपने काम कार्य की ऑडिट नहीं कराया हैं।
दरअसल मुखिया को काम कार्य की ऑडिट कराने में इस बात का डर हैं की कहीं पैसों की लेन-देन का पोल ना खुल जाये। वहीं विभाग ने साफ शब्दों में कह दिया है की अपने कामों की ऑडिट नहीं करने वालों को चुनाव लड़ने नहीं दिया जायेगा।
इतना ही नहीं बिहार के वैसे मुखिया जिन्होंने नल-जल योजना का काम पूरा नहीं किया हैं। उन्हें भी चुनाव लड़ने से रोका जा सकता हैं। विभाग के इस फैसले से बिहार के वर्तमान मुखिया की टेंशन बढ़ गयी हैं। क्यों की कई मुखिया ने अभी तक नल-जल का काम पूरा नहीं किया हैं।
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