न्यूज डेस्क: आज के वर्तमान समय में भारत आत्म निर्भर होना चाहता हैं ताकि किसी भी स्थिति में वो खुद को हर चीज में सछम बना सके। आज भारत को अपनी जरूरत का 83% कच्चा तेल आयात करना पड़ता है। जो देश के लिए बहुत बड़ी चिंता का विषय हैं। इसे देखते हुए ही भारत पेट्रोलियम का बड़ा भंडार बना रहा हैं ताकि मुश्किल समय में काम आ सके।
आपको बता दें की वर्ष 1990 में हुए प्रथम खाड़ी युद्ध के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में बहुत उछाल आया था जिसके कारण भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में बहुत गिरावट आई थी। इसका सबसे ज्यादा असर भारत पर हुआ था। तेल बाजार में उत्पन्न हुई समस्या का दीर्घकालिक समाधान निकलने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने 1998 में ऑयल रिजर्व करने का आइडिया दिया था।
इसके बाद भारत पेट्रोलियम का भंडार बनाने की दिशा में काम करने लगा। पेट्रोलियम भंडार (एसपीआर) के निर्माण और रखरखाव का जिम्मा भारतीय सामरिक पेट्रोलियम रिजर्व लिमिटेड (ISPRL) को दिया गया है।
आपको बता दें की भारत के पास पहले से ही तीन जगहों पर 5.33 MMT स्टोरेज की अंडरग्राउंड गुफाएं हैं. .जहां पेट्रोलिय को रखा गया हैं। इनमें विशाखापट्टनम (1.33 MMT), मंगलौर (1.5 MMT) और पदूर-केरल (2.5 MMT) शामिल हैं।
हालाँकि सरकार की योजना बीकानेर (राजस्थान)और राजकोट (गुजरात) के भी इस तरह के भंडार बनाने की योजना है। तभी यहां भी बड़ी मात्रा में पेट्रोलियम को रखा जा सके और मुश्किल हालात में इसका इस्तेमाल किया जा सके।

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