बिहार में 7 प्रकार की होती है जमीन, इसी आधार पर रजिस्ट्री।
1 .बिहार सरकार ने जमीन के प्रकार में एकरूपता के लिए तमाम शहरी और ग्रामीण भूमि को सात भागों में वर्गीकरण किया हैं।
2 .शहरी निकायों में भूमि का वर्गीकरण सात श्रेणियों में किया गया है। इसमें प्रधान सड़क व्यावसायिक आवासीय, मुख्य सड़क व्यावसायिक आवासीय, औद्योगिक भूमि, शाखा सड़क व्यावसायिक, शाखा सड़क आवासीय, अन्य गली आवासीय भूमि और विकासशील भूमि शामिल हैं।
3 .मिली जानकारी के मुताबिक बिहार के शहरी छेत्र में इसी आधार पर जमीन की रजिस्ट्री की जाती हैं। इसके रजिस्ट्री शुल्क भी अलग-अलग होते हैं।
4 .जानकारों की मानें तो प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में औसतन 30 से 35 प्रकार की जमीन होती हैं। इनका रजिस्ट्री चार्ज शहरी इलाके के जमीन से कम होता हैं।
5 .वहीं गैरमजरुआ जमीन बिहार सरकार की होती हैं और केसरे हिन्द की जमीन भारत सरकार की होती हैं। इसे ख़रीदा या बेचा नहीं जा सकता हैं।
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