बिहार में पिता की मौत के बाद चार श्रेणियों में बटेगा संपत्ति।
1 .बिहार में अगर वसीहत लिखे पिता की मौत हो जाती हैं तो हिंदू उत्तराधिकार कानून में पुरुष उत्तराधिकारियों का चार श्रेणियों में वर्गीकरण किया गया है और पिता की संपत्ति पर पहला हक पहली श्रेणी के उत्तराधिकारियों का होता है।
2 .आपको बता दें की बिहार में पिता की मौत के बाद विधवा, बेटियां और बेटों को संपत्ति पर पहला और सम्मान अधिकार होता हैं।
3 .हिंदू उत्तराधिकार कानून 2005 के संशोधन के बाद बिहार में भी बेटी को हमवारिस यानी समान उत्तराधिकारी माना गया है। शादीशुदा बेटी भी पिता की संपत्ति पर अपना दावा कर सकती हैं।
4 .बिहार में पैतृक संपत्ति में चार पीढ़ी पहले तक की संपत्तियों पर संतानों का, वह चाहे बेटा हो या बेटी, जन्मसिद्ध अधिकार होता है।
5 .वहीं पिता अगर जिन्दा हैं तो वो अपनी स्वअर्जित संपत्ति को अपनी मर्जी से किसी को भी दे सकते हैं। ये उनका क़ानूनी अधिकार हैं।
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