रविवार को करें 12 मंत्रों का जाप, सूर्यदेव होंगे प्रसन्न

धर्म डेस्क: रविवार को सूर्यदेव की पूजा करने का विशेष महत्व है। यह दिन सूर्यदेव की उपासना का सर्वोत्तम समय माना जाता है, क्योंकि सूर्यदेव व्यक्ति के जीवन में ऊर्जा, स्वास्थ्य, सफलता और समृद्धि के दाता माने जाते हैं। रविवार को इन विशेष मंत्रों का जाप करने से सूर्यदेव की कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं।

रविवार को करें 12 मंत्रों का जाप, सूर्यदेव होंगे प्रसन्न

1. ॐ हृां मित्राय नम:

यह मंत्र सूर्यदेव के मित्र रूप का वंदन करता है। "हृां" के उच्चारण से सूर्यदेव का प्रभाव व्यक्ति पर बढ़ता है और उसे मित्रवत स्नेह मिलता है। इस मंत्र का जाप व्यक्ति के लिए मानसिक शांति और सामंजस्यपूर्ण संबंधों की प्राप्ति करता है।

2. ॐ हृीं रवये नम:

यह मंत्र सूर्यदेव के रवि रूप की उपासना करता है। "रवि" सूर्य के प्रकाश और ऊर्जा के प्रतीक होते हैं। इस मंत्र के जाप से व्यक्ति की ऊर्जा का संचार होता है और वह मानसिक रूप से सशक्त बनता है।

3. ॐ हूं सूर्याय नम:

यह मंत्र सूर्यदेव के शारीरिक रूप की पूजा करता है। "हूं" का उच्चारण सूर्य की आंतरिक शक्ति और तेजस्विता को बढ़ाता है। इसके जाप से व्यक्ति को आत्मबल और सकारात्मक दृष्टिकोण मिलता है।

4. ॐ ह्रां भानवे नम:

यह मंत्र सूर्य के भानु रूप का वंदन करता है। "भानु" का अर्थ है प्रकाश देने वाला। यह मंत्र व्यक्ति के जीवन में उजाला और खुशी लेकर आता है, जिससे अंधकारमय समय समाप्त होता है।

5. ॐ हृों खगाय नम:

यह मंत्र सूर्य के खग रूप की उपासना करता है। "खग" का अर्थ है आकाश में उड़ने वाला पक्षी, जो स्वतंत्रता का प्रतीक है। इस मंत्र के जाप से व्यक्ति को स्वतंत्रता, समृद्धि और उच्चता की प्राप्ति होती है।

6. ॐ हृ: पूषणे नम:

यह मंत्र सूर्य के पूषण रूप का वंदन करता है। "पूषण" का अर्थ है पालन करने वाला। इस मंत्र के जाप से व्यक्ति को भौतिक और मानसिक पोषण मिलता है, जिससे उसकी सेहत और सुख-शांति में वृद्धि होती है।

7. ॐ ह्रां हिरण्यगर्भाय नम:

यह मंत्र सूर्य के हिरण्यगर्भ रूप की पूजा करता है। "हिरण्यगर्भ" का अर्थ है सोने के गर्भ जैसा, जो संपत्ति और समृद्धि का प्रतीक है। इस मंत्र के जाप से धन-धान्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

8. ॐ मरीचये नम:

यह मंत्र सूर्य के मरीचि रूप की उपासना करता है। "मरीचि" का अर्थ है आभा या प्रकाश की किरण। इस मंत्र से व्यक्ति के जीवन में नकारात्मकता समाप्त होती है और वह साकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है।

9. ॐ आदित्याय नम:

यह मंत्र सूर्य के आदित्य रूप का वंदन करता है। "आदित्य" का अर्थ है सूर्य का पुत्र। इस मंत्र से व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक ताकत मिलती है, साथ ही आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।

10. ॐ सवित्रे नम:

यह मंत्र सूर्य के सविता रूप की पूजा करता है। "सविता" का अर्थ है जन्मदाता। इस मंत्र के जाप से व्यक्ति की जीवनधारा प्रवाहमयी होती है, जिससे वह अपने कार्यों में सफल होता है।

11. ॐ अर्काय नम:

यह मंत्र सूर्य के अर्क रूप की उपासना करता है। "अर्क" का अर्थ है सूर्य का प्रकाश और शक्ति का स्रोत। इस मंत्र से व्यक्ति की मेहनत और कर्मफल में सफलता प्राप्त होती है।

12. ॐ भास्कराय नम:

यह मंत्र सूर्य के भास्कर रूप का वंदन करता है। "भास्कर" का अर्थ है प्रकाश देने वाला। इस मंत्र के जाप से व्यक्ति के जीवन में सफलता और सम्मान आता है, साथ ही वह समाज में प्रतिष्ठित होता है।

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