नए नियम के कारण परेशानी
बिहार के बहुत से किसान ऐसे हैं जिनकी जमीन उनके दादा-परदादा के नाम पर है, और इन किसानों के नाम पर जमीन नहीं है। इसका मतलब यह है कि ऐसे किसान जो खेती तो करते हैं, लेकिन जमीन उनके नाम पर नहीं है, उन्हें पीएम किसान योजना के तहत मिलने वाली आर्थिक मदद से वंचित रह सकते हैं। बिहार में लगभग 30 से 40 प्रतिशत किसान ऐसे हैं जिनकी जमीन उनके पूर्वजों के नाम पर है।
सरकार का समाधान
इस स्थिति को देखते हुए, राज्य सरकार ने कुछ जिलों में एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है, जिसके तहत इन किसानों का नया रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है। पायलट प्रोजेक्ट का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ऐसे किसान भी योजना का लाभ प्राप्त कर सकें जिनकी जमीन उनके नाम पर नहीं है, लेकिन वे खेती करते हैं।
पायलट प्रोजेक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन
बिहार के पांच जिलों में यह पायलट प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है। ये जिले हैं: भागलपुर, गया, पूर्णिया, पूर्वी चंपारण, सारण शामिल हैं। इन जिलों के 10 गांवों में किसानों का नया रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है। इसका उद्देश्य यह है कि इन किसानों को भी योजना का लाभ मिल सके और वे आर्थिक सहायता से वंचित न रहें।
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