यह मेडिकल कॉलेज प्रदेश के विभिन्न जिलों में खोले गए हैं, जिनमें बिजनौर, बुलंदशहर, कुशीनगर, पीलीभीत, सुल्तानपुर, कानपुर देहात, ललितपुर, लखीमपुर खीरी, गोंडा, औरैया, चंदौली, कौशांबी और सोनभद्र जैसे जिले शामिल हैं। इन कॉलेजों के माध्यम से चिकित्सा शिक्षा के साथ-साथ, ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में चिकित्सा सेवाओं की सुलभता भी बढ़ेगी, जिससे लोगों को अपने इलाके में ही इलाज की बेहतर सुविधा मिल सकेगी।
बता दें की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 फरवरी 2024 को रायबरेली में एम्स (AIIMS) का वर्चुअल शुभारंभ भी किया था। रायबरेली में एम्स की स्थापना से न केवल वहां के लोगों को उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के आसपास के क्षेत्रों के लोगों को भी इससे लाभ होगा। यह परियोजना राज्य में स्वास्थ्य क्षेत्र के विकास को एक नई दिशा देने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी।
दरअसल, इन 18 नए मेडिकल कॉलेजों के साथ उत्तर प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के साथ-साथ, चिकित्सा विशेषज्ञों की संख्या में भी वृद्धि होगी। इससे प्रदेश में डॉक्टरों की कमी को भी दूर किया जा सकेगा, जो ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता को सुनिश्चित करेगा। इस कदम से उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की सुदृढ़ता और बुनियादी ढांचे के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है।
0 comments:
Post a Comment