इस बदलाव के साथ ही, पहली से पांचवीं कक्षा तक की किताबें पूर्व की तरह एससीईआरटी द्वारा तैयार की जाएंगी। इन किताबों की छपाई का कार्य अब शुरू हो चुका है, और शिक्षा विभाग का उद्देश्य है कि अगले शैक्षणिक सत्र की किताबें 15 मार्च, 2025 तक सभी सरकारी स्कूलों में पहुंच जाएं, ताकि अप्रैल 2025 में सत्र की शुरुआत के समय ही बच्चों के हाथों में नई किताबें उपलब्ध हो सकें।
इस कार्य को समय पर पूरा करने के लिए शिक्षा विभाग युद्ध स्तर पर काम कर रहा है। खास बात यह है कि इस बार किताबों की छपाई की जिम्मेदारी केवल बिहार के मुद्रकों को दी गई है, जिससे राज्य के मुद्रक उद्योग को भी एक अवसर मिल रहा है।
विभाग के अपर मुख्य सचिव, डॉ. एस सिद्धार्थ के निर्देश पर बिहार राज्य पाठ्यपुस्तक प्रकाशन निगम लिमिटेड निरंतर किताबों की छपाई की निगरानी कर रहा है। किताबों के मॉड्यूल और पाठ्यक्रम पर अनुमोदन प्राप्त करने के बाद ही मुद्रकों से छपाई का समझौता किया गया है। पहले चरण में एक करोड़ दस लाख बच्चों के लिए किताबों की छपाई की जा रही है, और इन किताबों की कुल संख्या 11 करोड़ होगी।
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