यह रिपोर्ट दर्शाती है कि 2023 के दौरान भारत ने अपने परमाणु हथियारों की संख्या में वृद्धि की है, जबकि पाकिस्तान की संख्या स्थिर रही है। कई रिपोर्ट ये बतलाती हैं की चीन से खतरे को देखते हुए भारत अपनी परमाणु ताकत को और मजबूत बना रहा हैं।
रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु।
SIPRI के अनुसार, भारत ने 2023 में अपने परमाणु हथियारों की संख्या में वृद्धि की। इसके विपरीत, पाकिस्तान के पास 170 परमाणु हथियार हैं, जो पिछले वर्षों के समान ही हैं। हालांकि, पाकिस्तान की परमाणु हथियारों की संख्या भी भारत से कम नहीं रही है, और दोनों देशों के बीच परमाणु प्रतिस्पर्धा एक महत्वपूर्ण सुरक्षा चिंता बनी हुई है।
भारत की परमाणु नीति:
भारत की परमाणु नीति में हमेशा यह स्पष्ट किया गया है कि वह परमाणु हथियारों का इस्तेमाल केवल आत्मरक्षा के उद्देश्य से करेगा। भारत ने परमाणु अप्रसार संधि (NPT) पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं और इसे एक स्वतंत्र परमाणु शक्ति के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखा है। भारत का यह रुख भी रहा है कि वह "सामरिक स्थिरता" बनाए रखने के लिए अपने परमाणु हथियारों की संख्या को नियंत्रित करेगा।
पाकिस्तान की स्थिति:
पाकिस्तान ने भी अपनी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन उसकी परमाणु हथियारों की संख्या में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं आया है। पाकिस्तान के पास अब भी भारत के मुकाबले कुछ कम परमाणु हथियार हैं। हालांकि, दोनों देशों के बीच परमाणु हथियारों की संख्या में यह मामूली अंतर भी महत्वपूर्ण रणनीतिक प्रभाव डाल सकता है।
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