बता दें की यह प्रस्ताव शासन स्तर पर मंजूरी के बाद कैबिनेट में पास किया जाएगा, और फिर इसे प्रभावी कर दिया जाएगा। इस प्रस्ताव को परिवहन विभाग की राजस्व सुधार और करदात्री समिति ने लंबे विचार-विमर्श के बाद तैयार किया है।
समिति के दो सदस्यीय पैनल ने इस बढ़ोतरी के लिए हर पहलू पर गहन विचार किया। आरटीओ अधिकारियों के मुताबिक, कई वर्षों बाद वाहनों पर टैक्स बढ़ाने का प्रस्ताव सामने आया है। इससे पहले भी समिति ने टैक्स बढ़ोतरी के लिए तीन स्लैब का प्रस्ताव तैयार किया था, जिसमें 11%, 13%, और 15% की वृद्धि का सुझाव दिया गया था, लेकिन शासन ने इसे खारिज कर दिया। बाद में, केवल एक स्लैब में टैक्स वृद्धि का निर्णय लिया गया।
इस बार, समिति ने यह निर्णय लिया है कि निजी वाहनों पर एक फीसदी और वाणिज्यिक वाहनों पर ढाई फीसदी टैक्स बढ़ाया जाएगा। यह वृद्धि नई साल से लागू होगी और वाहनों की खरीदारी पर प्रभाव डालेगी। राज्य सरकार का मानना है कि इस बढ़ोतरी से परिवहन विभाग की राजस्व में वृद्धि होगी, जिससे प्रदेश के विकास में मदद मिलेगी। हालांकि, वाहन खरीदने वालों के लिए यह बढ़ोतरी महंगी साबित हो सकती है, क्योंकि इससे वाहन की कुल लागत में इजाफा होगा।
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