1 .भारत की चंद्रयान और मंगलयान मिशन:
चंद्रयान-1 (2008) ने भारत को चंद्रमा की खोज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे भारत को चंद्रमा पर पानी के संकेत मिले। भारत ने चंद्रयान-3 की चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कराई।
मंगलयान (Mangalyaan), 2013 में भारत का पहला मंगल मिशन, सफलतापूर्वक मंगल ग्रह तक पहुंचने वाला सबसे सस्ता अंतरिक्ष मिशन बना। यह भारत की अंतरिक्ष क्षेत्र में बढ़ती ताकत को साबित करता है।
2 .चीन का चंद्र मिशन और चांग'ई कार्यक्रम:
चीन का चांग'ई कार्यक्रम (Chang'e) चंद्रमा की खोज में प्रमुख है। चांग'ई-5 (2020) मिशन ने चंद्रमा की सतह से मिट्टी के नमूने लेकर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की।
चीन ने चांग'ई-4 (2019) मिशन के जरिए चंद्रमा के अंधेरे हिस्से पर लैंडिंग की, जो एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था।
3 .भारत का सौर मिशन: आदित्य-L1:
भारत का आदित्य-L1 मिशन, जो सूर्य के अध्ययन के लिए भेजा गया हैं। यह भारत की अंतरिक्ष में प्रगति को दर्शाता है। यह मिशन सूर्य के बाहरी वातावरण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा।
4 .चीन का तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन:
चीन ने तियांगोंग नामक अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित किया है, जिसे 2021 में मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन के रूप में लॉन्च किया गया था। यह चीन की बढ़ती अंतरिक्ष शक्ति और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।
5 .भारत का GSAT उपग्रह और नेविगेशन सिस्टम:
भारत का जीसैट (GSAT) उपग्रह नेटवर्क और IRNSS (Indian Regional Navigation Satellite System) नेविगेशन सिस्टम दुनिया भर में भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियों को प्रदर्शित करता है। यह उपग्रहों के माध्यम से संचार, मौसम, और निगरानी सेवाएं प्रदान करता है।
6 .चीन का बेजिंग उपग्रह नेटवर्क:
चीन का बेजिंग उपग्रह नेटवर्क (BeiDou Navigation Satellite System) चीन का अपना नेविगेशन नेटवर्क है, जो GPS के समान कार्य करता है। यह वैश्विक स्तर पर चीन के सैन्य और नागरिक गतिविधियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
7 .चीन का मंगल मिशन:
14 मई 2021 को चीन का झुरोंग रोवर मंगल की सतह पर सफलतापूर्वक उतरा। यह चीन के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि थी क्योंकि यह मंगल की सतह पर उतरने वाला पहला चीनी रोवर था।
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