यूपी में बिजली होगी प्राइवेट, संविदाकर्मी का क्या?

लखनऊ: यूपी के कई जिलों में बिजली की व्यवस्था प्राइवेट होने वाली हैं। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक बिजली आपूर्ति के निजीकरण के संबंध में यह जानकारी दी गई है कि संविदाकर्मियों को हटाया नहीं जाएगा। कारपोरेशन प्रबंधन ने पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) के तहत प्रस्ताव के लिए अनुरोध (RFP) में कार्मिकों के लिए किए गए प्रमुख प्रविधानों को साझा किया है। 

बता दें की दक्षिणांचल और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के रिफॉर्म प्रक्रिया को लेकर उठ रहे सवालों पर पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने स्थिति को फिर से स्पष्ट किया है। प्रबंधन ने बताया कि पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल को अपनाए जाने के बावजूद सभी कर्मचारियों के हित सुरक्षित रहेंगे और संविदाकर्मियों को हटाया नहीं जाएगा।

इसके अलावा, यह भी स्पष्ट किया गया कि संविदा एजेंसियों के साथ किए गए अनुबंध रिफॉर्म प्रक्रिया के तहत भी बनाए रहेंगे। यानी रिफॉर्म के दौरान संविदाकर्मियों और उनकी एजेंसियों के अधिकारों को कोई नुकसान नहीं होगा और उनकी सेवाएं पहले की तरह जारी रहेंगी।

वहीं, यूपी में दो डिस्कॉम के प्रस्तावित निजीकरण के विरोध में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा छह दिसंबर को आयोजित किए जाने वाला आंदोलन अब सात दिसंबर को होगा। समिति ने यह निर्णय लिया है कि छह दिसंबर को कानून व्यवस्था और संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए अपनी ध्यानाकर्षण सभाओं और आंदोलन की तिथि में बदलाव किया जाएगा।

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