नई दिल्ली: भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान हैं। भारत सरकार हर साल कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल में अपना विशेष योगदान देने के लिए सर्वोच्च नागरिक सम्मान देती है। यह सम्मान भारत रत्न के नाम से जाना जाता है। आज इसी विषय में जानने की कोशिश करेंगे उस विदेशी नागरिक के बारे में जिस विदेशी नागरिक को भारत रत्न से सम्मानित किया गया हैं। तो आइये इसके बारे में जानते हैं विस्तार से।
आपको बता दें की अब तक दो ऐसे विदेशी नागरिक हैं जिन्हें इस भारत रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है।
खान अब्दुल गफ्फार खान :
साल 1987 में पहली बार किसी विदेशी नागरिक खान अब्दुल गफ्फार खान को भारत रत्न से नवाजा गया था।वे भारत की आजादी के आंंदोलन में सक्रिय थे और गांधी जी के अनुयायी भी थे। वो पकिस्तान के रहने वाले थे हैं। इन्होंने पूरे जीवन बंटवारे का विरोध किया। जब बंटवारे की बात मान ली गई तब उन्होंने कहा था- 'आपने तो हमें भेड़ियों के सामने फेंक दिया है।
नेल्सन मंडेला :
साउथ अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला दूसरे ऐसे विदेशी नागरिक थे जिन्हे साल 1990 में इस भारत रत्न सम्मान से नवाजा गया था। नेल्सन मंडेला अफ्रीका में रंगभेद के खिलाफ लंबी जंग लड़ी। उन्होंने वर्ष 1994 से वर्ष 1999 तक दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति के रूप में भी काम किया। उन्हें साल 1993 में शांति के नोबल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। आपको बता दें की नेल्सन मंडेला महात्मा गांधी को अपना आदर्श मानते थे।
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