खबर के अनुसार भू अभिलेख और परिमाप निदेशक, जे प्रियदर्शिनी ने बताया कि यह काम बिहार विशेष सर्वेक्षण और बंदोबस्त अधिनियम 2011 के तहत किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य भूमि के मालिकाना हक को लेकर विवादों को कम करना है, जिससे पुलिस प्रशासन की क्षमता अन्य कार्यों में प्रयोग की जा सके।
बता दें की बिहार में अब तक, 20 जिलों में भूमि सर्वेक्षण का काम लगभग पूरा हो चुका है। ये जिले हैं: अररिया, बांका, बेगूसराय, जमुई, जहानाबाद, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज, लखीसराय, मधेपुरा, मुंगेर, नालंदा, पूर्णिया, सहरसा, शेखपुरा, शिवहर, सीतामढ़ी, पश्चिम चंपारण, सुपौल और अरवल।
इन जिलों से बंदोबस्त पदाधिकारियों से जानकारी मांगी गई है और अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार की समीक्षा के बाद जल्द ही लिस्ट जारी की जाएगी। भूमि सर्वेक्षण से जुड़े कई मुद्दों को लेकर विपक्ष ने आरोप लगाए थे, जिनमें घूसखोरी के मामले और अन्य भ्रांतियां शामिल थीं। लेकिन अब यह सर्वे पूरी गति से आगे बढ़ रहा है और उम्मीद जताई जा रही है कि इससे भूमि से संबंधित विवादों में कमी आएगी।
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