भारत समेत 4 देशों के पास एंटी सैटेलाइट हथियार

नई दिल्ली: एंटी सैटेलाइट हथियारों का विकास और परीक्षण देशों के लिए सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होता है। इसका मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष में दुश्मन के सैटेलाइट्स को नष्ट करके उसे सैन्य, संचार, और निगरानी के दृष्टिकोण से कमजोर करना है। वर्त्तमान में सिर्फ चार देश ऐसे हैं, जिनके पास एंटी सैटेलाइट हथियार हैं। इसमें भारत भी शामिल हैं।

भारत समेत 4 देशों के पास एंटी सैटेलाइट हथियार

1. भारत

भारत ने मार्च 2019 में अपनी एंटी सैटेलाइट क्षमता को सार्वजनिक किया। "मिशन शक्ति" के तहत भारत ने इस परीक्षण को अंजाम दिया था। इस दौरान भारत ने दुनिया को यह संकेत दिया कि वह अपने सैटेलाइट्स और अंतरिक्ष संसाधनों की रक्षा करने के लिए सक्षम है। यह परीक्षण वैश्विक शक्तियों के बीच भारत की तकनीकी क्षमता और सैन्य शक्ति को प्रदर्शित करता है।

2. चीन

चीन ने 2007 में अपना पहला एंटी सैटेलाइट परीक्षण किया था, जब उसने मिसाइल का इस्तेमाल करके एक बेकार चीनी सैटेलाइट को नष्ट किया था। यह परीक्षण अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बना, क्योंकि इससे अंतरिक्ष में मलबे की समस्या भी उत्पन्न हुई, जो अन्य सैटेलाइट्स के लिए खतरा बन सकती है।

3. संयुक्त राज्य अमेरिका (USA)

संयुक्त राज्य अमेरिका के पास भी अत्यधिक शक्तिशाली एंटी सैटेलाइट हथियार हैं। अमेरिका ने 1985 में पहला एंटी सैटेलाइट परीक्षण किया था। इसके बाद, 2008 में अमेरिका ने एक लाइव मौसम सैटेलाइट को नष्ट किया था, ताकि उसमें मौजूद खतरनाक रसायनों से पृथ्वी पर कोई संकट न उत्पन्न हो। अमेरिकी सेना ने एंटी सैटेलाइट क्षमता के अलावा, अपनी सैटेलाइट रक्षा रणनीतियों को भी मजबूत किया है। 

4. रूस

रूस भी एंटी सैटेलाइट हथियारों में सक्षम है। रूस ने 1980 के दशक में एंटी सैटेलाइट प्रौद्योगिकी का विकास शुरू किया था, और 1990 के दशक में उसने परीक्षण किए थे। रूस का मानना ​​है कि अंतरिक्ष में हथियारों का उपयोग, विशेष रूप से एंटी सैटेलाइट क्षमता, एक सैन्य रणनीतिक आवश्यकता है। रूस का "नुडोल" (Nudol) नामक एंटी सैटेलाइट मिसाइल प्रणाली काफी चर्चा में रही है। यह प्रणाली किसी भी दुश्मन सैटेलाइट को नष्ट करने के लिए प्रभावी मानी जाती है।

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