बिहार के 5 जिलों में कैमरें के सामने ड्राइविंग टेस्ट

न्यूज डेस्क: बिहार के पांच प्रमुख शहरों में अब ड्राइविंग टेस्ट अत्याधुनिक तकनीक और कैमरों की निगरानी में होगा। ये शहर हैं - गया, भागलपुर, दरभंगा, पूर्णिया और सारण हैं। इन शहरों में पहले से मौजूद ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक को आटोमेटेड और स्मार्ट बनाने का काम किया जाएगा। 

इसके लिए राज्य परिवहन विभाग ने मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के कारपोरेट सोशल रेस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) फंड से सहयोग लिया है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य कुशल और प्रशिक्षित ड्राइवरों को तैयार करना है ताकि सड़कों पर सुरक्षित और जिम्मेदार वाहन चालक मिल सकें।

क्या होगा नया?

अब इन पांच शहरों में होने वाला ड्राइविंग टेस्ट पूरी तरह से कैमरों और तकनीकी निगरानी में होगा। पहले जहां मानवीय गलती और असमानता की संभावना रहती थी, वहीं अब यह प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और सटीक होगी। ड्राइविंग टेस्ट के दौरान कैमरे ड्राइवर के हर कदम पर नजर रखेंगे और सिस्टम से जुड़े उपकरण उसकी सटीकता को रिकॉर्ड करेंगे। इस कदम से यह सुनिश्चित होगा कि ड्राइविंग टेस्ट में किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी या पक्षपात न हो।

आटोमेशन से होंगे ये फायदे

मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के सीएसआर फंड से टेस्टिंग ट्रैक की आटोमेशन की प्रक्रिया को और बेहतर बनाया जाएगा। आटोमेटेड टेस्टिंग ट्रैक में कैमरे ड्राइवर की ड्राइविंग स्किल्स की निगरानी करेंगे और उन्हें हर गलती के बारे में रिपोर्ट देंगे। यह सिस्टम ड्राइविंग टेस्ट की प्रक्रिया को तेज, पारदर्शी और निष्पक्ष बना देगा। इसके अलावा, यह तकनीक प्रशिक्षक को भी ड्राइवर की पूरी टेस्टिंग की रिपोर्ट सटीक रूप से उपलब्ध कराएगी, जिससे उसे सही फीडबैक देने में मदद मिलेगी।

सड़क सुरक्षा में सुधार

इस पहल से सड़क सुरक्षा में भी काफी सुधार की उम्मीद है। जब ड्राइवरों को सही तरीके से प्रशिक्षित किया जाएगा और उन्हें सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करना सिखाया जाएगा, तो यह सीधे तौर पर दुर्घटनाओं की संख्या को कम करने में मदद करेगा। कैमरों और आटोमेटेड सिस्टम से ड्राइविंग के दौरान हुई गलतियों का पता चल पाएगा, जिससे ड्राइवरों की सुधार की प्रक्रिया तेज होगी।

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