प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने निर्देश दिए हैं कि सभी जिलों के शिक्षा अधिकारियों को अगले वर्ष जनवरी के अंत तक उनके जिलों के शिक्षकों की वरिष्ठता सूची पूरी तरह से तैयार करके सरकार को भेजनी होगी। इस सूची के आधार पर, मार्च 2024 तक पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी कर दी जाएगी।
बता दें की उत्तर प्रदेश में करीब 4.59 लाख प्राइमरी और अपर प्राइमरी शिक्षक कार्यरत हैं, और इन शिक्षकों की पदोन्नति के बिना शिक्षा व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। 2015 में आखिरी बार शिक्षकों की पदोन्नति हुई थी, और इसके बाद से इस प्रक्रिया में कोई सुधार नहीं किया गया था। यही कारण है कि अब सरकार को यह कदम उठाना पड़ रहा है।
नए शिक्षण सत्र में पदोन्नति:
अब सरकार का लक्ष्य मार्च 2024 तक सभी अर्ह शिक्षकों की पदोन्नति प्रक्रिया पूरी कर उन्हें नए शिक्षण सत्र में पदोन्नति देना है। इसके लिए वरिष्ठता सूची में किसी भी प्रकार की विवादों का निस्तारण किया जाएगा, ताकि सभी योग्य शिक्षकों को उनका उचित स्थान मिल सके।
इस निर्णय से शिक्षकों में खुशी की लहर है, क्योंकि यह उनकी मेहनत और समर्पण को सम्मान देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इसके साथ ही, विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों की कमी दूर होने से शिक्षण व्यवस्था की गुणवत्ता में भी सुधार की संभावना जताई जा रही है।
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