खबर के अनुसार यह पुस्तिका विभागीय वेबसाइट पर भी उपलब्ध है। इस पुस्तिका के माध्यम से अब भूमि सर्वेक्षण के दौरान कैथी लिपि में लिखे सर्वे खतियान और अन्य पुराने दस्तावेजों को समझना सरल हो जाएगा। इसको लेकर दिशा निर्देश जारी कर दिया गया हैं।
बता दें की कैथी लिपि का इस्तेमाल बिहार और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में जमीन के पुराने दस्तावेजों में किया जाता था, और अब यह कदम उन दस्तावेजों को पढ़ने और समझने में मददगार साबित होगा, जिससे भूमि विवादों और अन्य कानूनी समस्याओं को सुलझाने में मदद मिलेगी। यह कदम जमीन मालिकों और अधिकारियों के लिए एक बड़ी राहत है।
दरअसल गुरुवार को बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने कैथी लिपि से संबंधित एक पुस्तिका का लोकार्पण किया। साथ ही मंत्री ने दावा किया कि इस पुस्तिका से अब कैथी लिपि में लिखे सर्वे खतियान और पुराने दस्तावेजों को पढ़ने में आसानी होगी। यह कदम उन भूमि मालिकों और अधिकारियों के लिए महत्वपूर्ण है, जिन्हें पुराने दस्तावेजों और रिकॉर्ड्स को समझने में कठिनाई होती थी।
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