किस बीमारी के लिए कौन-सा टेस्ट कराएं, यहां जानें

हेल्थ डेस्क: किसी बीमारी का सही निदान करने के लिए विभिन्न प्रकार के परीक्षण (tests) किए जाते हैं, और ये परीक्षण व्यक्ति के लक्षणों, आयु, परिवारिक इतिहास और जीवनशैली पर निर्भर करते हैं। इन परीक्षणों का उद्देश्य बीमारी का पता लगाना, स्थिति का मूल्यांकन करना और उचित इलाज की योजना बनाना है।

1. फ़ुल बॉडी चेकअप (Full Body Checkup)

यह एक सामान्य स्वास्थ्य जांच है जिसमें शरीर के प्रमुख अंगों जैसे हृदय, किडनी, लिवर, फेफड़े, थायराइड, यूरिन, ब्लड आदि की कार्यप्रणाली का मूल्यांकन किया जाता है। 

2. सीबीसी टेस्ट (CBC Test)

यह एक सामान्य रक्त परीक्षण है, जो शरीर के विभिन्न घटकों का मूल्यांकन करता है। इसमें रेड ब्लड सेल (RBC) रक्त में ऑक्सीजन परिवहन की क्षमता को दर्शाता है। व्हाइट ब्लड सेल (WBC) शरीर के संक्रमण से लड़ने की क्षमता को मापता है। हिमोग्लोबिन,  प्लेटलेट। एनीमिया, ब्लड इंफेक्शन, और ल्यूकेमिया जैसी बीमारियों का पता चलता है।

3. हेपेटाइटिस सी वायरस (एचसीवी)

सीरोलॉजिकल परीक्षण का उपयोग करके हेपेटाइटिस सी वायरस की उपस्थिति का पता चलता है। यह एक संक्रमण है जो लिवर को प्रभावित करता है और अगर उपचार न किया जाए, तो यह लिवर कैंसर का कारण बन सकता है।

4. फ़ाइलेरिया सीरोलॉजी (Filariasis Serology)

एंजाइम इम्यूनोएसे (EIA) पद्धति का उपयोग करके फ़ाइलेरिया संक्रमण का पता लगाया जाता है। यह एक परजीवी संक्रमण है जो लिंफेटिक सिस्टम को प्रभावित करता है और इसे हाथीपांव जैसी गंभीर स्थिति का कारण बन सकता है।

5. ईसीजी परीक्षण (ECG Test)

यह इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम एक परीक्षण है, जो हृदय की विद्युत गतिविधि को मापता है। इसका उद्देश्य यह देखना होता है कि हृदय कैसे काम करता है, खासकर तनाव (stress) के समय। ईसीजी परीक्षण से हृदय रोग, जैसे हृदय गति की अनियमितता या हार्ट अटैक की संभावनाओं का पता लगाया जा सकता है।

6. कार्डियक होल्टर मॉनिटरिंग टेस्ट (Cardiac Holter Monitoring Test)

यह परीक्षण हृदय की ताल (heart rhythm) से जुड़ी समस्याओं का पता लगाने में मदद करता है। इसमें मरीज को एक छोटा इलेक्ट्रोड डिवाइस पहनने के लिए कहा जाता है, जो 24-48 घंटे तक हृदय की गतिविधि रिकॉर्ड करता है। इससे हृदय की अनियमित धड़कनों, जैसे अतालता (arrhythmia) को पहचाना जा सकता है।

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