बजट की कमी के कारण सेवा समाप्ति
मध्याह्न भोजन योजना में राज्य के विभिन्न स्कूलों में बच्चों को मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराने का कार्य किया जाता है। इस योजना के तहत कार्यरत कर्मचारियों की सेवाओं को जारी रखने के लिए आवश्यक बजट का प्रावधान नहीं हो पा रहा है। बजट के अभाव में राज्य सरकार को इस कठोर निर्णय की ओर कदम बढ़ाना पड़ा है।
जिलों के आदेश और जिम्मेदारी
बिहार के जिलों में जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि 31 मार्च के बाद जिन कर्मचारियों को कार्य पर रखा जाएगा, उनकी पूरी जिम्मेदारी जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों पर होगी। इससे यह स्पष्ट है कि 31 मार्च के बाद अगर कोई कर्मचारी कार्यरत रहता है, तो उसकी जवाबदेही पूरी तरह से संबंधित जिले के अधिकारियों पर होगी।
सीमित बजट के कारण बदलाव
निदेशक सतीश चंद्र झा द्वारा जारी आदेश में यह भी बताया गया कि जिन कर्मचारियों की सेवाओं की नितांत आवश्यकता होगी, उन्हें बरकरार रखने के लिए मुख्यालय से अनुमति प्राप्त करने के बाद ही निर्णय लिया जा सकेगा। इस स्थिति में कर्मचारियों की संख्या में भारी कमी आ सकती है, और जो कर्मचारी अपनी सेवाएं बनाए रखना चाहते हैं, उन्हें विभिन्न अनुमतियों और प्रक्रियाओं से गुजरना होगा।
कर्मचारियों के लिए नई चुनौतियां
यह निर्णय उन कर्मचारियों के लिए बड़ा झटका हो सकता है, जो लंबे समय से इस योजना के तहत काम कर रहे हैं। इन कर्मचारियों का एक निश्चित कामकाजी जीवन है, और अचानक उन्हें नौकरी से हाथ धोना आर्थिक और मानसिक दृष्टि से काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
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