2 तरह के होते हैं थायराइड, दोनों के हैं अलग-अलग लक्षण

हेल्थ डेस्क: थायरॉयड (Thyroid) दो प्रमुख प्रकार के होते हैं: हाइपोथायरॉइडिज़्म (Hypothyroidism) और हाइपरथायरॉइडिज़्म (Hyperthyroidism)। दोनों के लक्षण अलग होते हैं, और यह दोनों स्थितियाँ थायरॉयड ग्रंथि की कार्यप्रणाली से संबंधित होती हैं।

आपको बता दें की हाइपोथायरॉइडिज़्म और हाइपरथायरॉइडिज़्म दोनों में शरीर पर अलग-अलग प्रभाव पड़ते हैं। हाइपोथायरॉइडिज़्म में थकावट, वजन बढ़ना और ठंड लगना आम हैं, जबकि हाइपरथायरॉइडिज़्म में वजन घटना, दिल की धड़कन बढ़ना और घबराहट जैसी समस्याएं होती हैं। ऐसी समस्या होने पर डॉक्टर की सलह लें।

1. हाइपोथायरॉइडिज़्म (Hypothyroidism): इसमें थायरॉयड ग्रंथि पर्याप्त मात्रा में हार्मोन नहीं बनाती। इसका मतलब है कि शरीर में थायरॉक्सिन हार्मोन की कमी होती है, जो शरीर के मेटाबॉलिज़म को नियंत्रित करता है।

इसके लक्षण: थकावट और कमजोरी, वजन बढ़ना, त्वचा और बालों का सूखा होना, ठंड का अधिक अहसास होना, अवसाद (डिप्रेशन), मानसिक सुस्ती और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन, कब्ज, सूजन, विशेषकर चेहरे या पैरों में, मासिक धर्म में बदलाव (महिलाओं में भारी या अनियमित पीरियड्स) आदि हो सकता हैं।

2. हाइपरथायरॉइडिज़्म (Hyperthyroidism): इसमें थायरॉयड ग्रंथि अत्यधिक मात्रा में हार्मोन का उत्पादन करती है। इससे शरीर में मेटाबॉलिज़म तेज़ हो जाता है, और शरीर की सामान्य कार्यप्रणाली प्रभावित हो सकती है।

इसके लक्षण: वजन घटना, भले ही भूख बढ़ी हो, दिल की धड़कन तेज़ होना (टैचीकार्डिया), घबराहट और चिंता, अत्यधिक पसीना आना, हाथों में कंपकंपी (Tremors), नींद में समस्या (अनिद्रा), थकावट का महसूस होना, त्वचा का अधिक गर्म और नम होना, मासिक धर्म में बदलाव (महिलाओं में हल्के पीरियड्स), आंखों में सूजन या सूखापन आदि हो सकता हैं।

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