पटना: शिक्षा मंत्रालय ने बिहार राज्य में स्थित 4915 निजी स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आदेश दिया है। यह सभी स्कूल शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम के मानदंडों का उल्लंघन कर रहे थे, जिसके चलते इनकी मान्यता रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। आरटीई अधिनियम के प्रावधानों को पूरा नहीं करने वाले इन स्कूलों का यू-डायस कोड रद्द किया जाएगा, जो कि इनकी पहचान और संचालन के लिए आवश्यक होता है।
बता दें की आरटीई अधिनियम के तहत, सभी स्कूलों को विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए विशेष मानदंडों का पालन करना आवश्यक है। इन मानदंडों में योग्य शिक्षक, समुचित बुनियादी ढांचा और अन्य शैक्षिक सुविधाएं शामिल हैं।
दरअसल बिहार के 4915 स्कूलों को आरटीई अधिनियम लागू होने के बाद यू-डायस प्लस 2023-24 में पंजीकरण की अनुमति दी गई थी। हालांकि, इन स्कूलों को तीन साल के भीतर इन मानदंडों को पूरा करने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया गया था, लेकिन इन स्कूलों ने अब तक इन निर्देशों का पालन नहीं किया है।
यू-डायस कोड रद्द होगा
शिक्षा मंत्रालय ने इन स्कूलों की पहचान यू-डायस प्लस 2023-24 की रिपोर्ट के आधार पर की है। यू-डायस (Unified District Information System for Education) कोड एक महत्वपूर्ण पहचान पत्र होता है, जो प्रत्येक स्कूल के लिए अनिवार्य होता है। यह कोड स्कूल की मान्यता, शैक्षिक स्तर, शिक्षक संख्या और अन्य सुविधाओं का विवरण प्रस्तुत करता है। जब कोई स्कूल आरटीई के मानदंडों का पालन नहीं करता, तो उसका यू-डायस कोड रद्द कर दिया जाता है, जिसके बाद वह स्कूल अपनी शैक्षिक मान्यता खो देता है।
शिक्षा मंत्रालय की गंभीरता और आदेश
शिक्षा मंत्रालय ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और राज्य के शिक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि वह इस पर शीघ्र कार्रवाई करें। मंत्रालय ने बिहार के शिक्षा विभाग को एक पत्र भेजा है, जिसमें कहा गया है कि यह स्थिति स्वीकार्य नहीं है और इस पर तत्काल ध्यान दिया जाए। मंत्रालय ने राज्य को एक निश्चित समय सीमा 31 मार्च 2025 तक कार्रवाई पूरी करने और रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपने के निर्देश दिए हैं।

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