1 .कंप्यूटर शिक्षा का पहला चरण:
शुरुआत में, छठी, सातवीं और आठवीं कक्षा के छात्रों को कंप्यूटर शिक्षा दी जाएगी। इससे छात्रों को कंप्यूटर के बुनियादी ज्ञान से परिचित कराया जाएगा, जैसे कि कंप्यूटर का उपयोग, इंटरनेट, प्रोग्रामिंग, और अन्य डिजिटल कौशल। इस शिक्षा से बच्चों को स्कूल के पाठ्यक्रम के अलावा भी जीवन में तकनीकी दृष्टिकोण से सशक्त किया जाएगा।
2 .कंप्यूटर शिक्षक और एक्सपर्ट की नियुक्ति:
इस योजना को सफल बनाने के लिए शिक्षा विभाग ने कंप्यूटर शिक्षा देने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित शिक्षक और एक्सपर्ट को नियुक्त करने का निर्णय लिया है। यह शिक्षक और एक्सपर्ट बच्चों को कंप्यूटर से संबंधित विषयों की समझ देने में मदद करेंगे, ताकि बच्चों को केवल सैद्धांतिक ज्ञान नहीं, बल्कि व्यावहारिक अनुभव भी मिल सके।
3 .कंप्यूटर शिक्षा का दूसरे चरण में बदलाव:
पहले चरण के बाद, दूसरे चरण में कंप्यूटर शिक्षा की प्रक्रिया को और विस्तृत किया जाएगा। तीसरी, चौथी और पांचवीं कक्षा के बच्चों को कंप्यूटर का बेसिक ज्ञान दिया जाएगा। इस प्रक्रिया के तहत, प्रदेश के सभी 40,566 प्राथमिक विद्यालयों में भी कंप्यूटर शिक्षा को लागू किया जाएगा। इससे छोटे बच्चों को भी कंप्यूटर के मौलिक ज्ञान की शुरुआत होगी और वे जल्दी ही तकनीकी रूप से सक्षम होंगे।
4 .आधुनिक शिक्षा की दिशा में एक कदम:
यह कदम बिहार सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में एक सकारात्मक बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। बच्चों को कंप्यूटर शिक्षा देने से न केवल उनकी डिजिटल दक्षता में सुधार होगा, बल्कि वे भविष्य में रोजगार के बेहतर अवसरों के लिए भी तैयार होंगे। इस योजना को लागू करने से बिहार के बच्चों को न केवल आधुनिक शिक्षा मिलेगी, बल्कि उन्हें एक मजबूत तकनीकी आधार भी मिलेगा, जो उन्हें आगे बढ़ने में मदद करेगा।

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