हेल्थ डेस्क: मेडिकल साइंस की बात करें तो जुड़वां बच्चा होना किसी प्रकार की कोई बीमारी नहीं होती हैं। बल्कि यह एक ऐसी प्रक्रिया हैं जो संबंध के दौरान महिलाओं के शरीर में एक से अधिक अंडे के फर्टिलाइज होने से होता हैं। आज इसी विषय में जानने की कोशिश करेंगे उन महिलाओं के बारे में जिन महिलाओं में जुड़वां बच्चा होने की संभावना अधिक होती हैं। तो आइये इसके बारे में जानते हैं विस्तार से।
एक जैसे दिखने वाले जुड़वा बच्चे : जब एक अंडा एक ही शुक्राणु द्वारा निषेचित होता है, लेकिन बाद में वह अंडा दो भागों में बट जाता है। फिर अंडे के दोनों भाग अलग-अलग भूर्ण में विकसित होने लगते हैं। इस तरह के जुड़वा बच्चों के जीन एक जैसे होते हैं और ये एक ही प्लेसेंटा से जुड़े होते हैं। इसलिए ये बच्चे लगभग एक जैसे दिखाई देते हैं। इस तरह से ज्यादा तर बच्चे एक तो दो लड़के होते हैं या दोनों लड़की होती हैं।
अलग-अलग दिखने वाले जुड़वा बच्चे : मेडिकल साइंस के अनुसार जब अंडाशयों से दो अंडे निकलते हैं और दो अलग-अलग शुक्राणु उन्हें निषेचित कर देते हैं। इससे महिलाओं के गर्भ में दो भूर्ण का निर्माण होने लगता हैं। इस तरह के बच्चे अलग अलग दिखाने वाले होते हैं। एक दोनों लड़के हो सकते हैं या एक दलका और एक लड़की भी हो सकती हैं।
किन महिलाओं को होता हैं जुड़वां बच्चा।
1 .अगर किसी महिला का वजन सामान्य से अधिक हो तो उन महिलाओं में जुड़वां बच्चे होने की संभावना अधिक होती हैं।
2 .वैसी महिलाएं जो 35 साल के आस पास की उम्र में माँ बनती हैं उन महिलाओं से जुड़वां बच्चे होने की स्थिति ज्यादा होती हैं।
3 .एक शोध में सामने आया है की जो महिलाएं फोलिक एसिड युक्त आहार का सेवन ज्यादा मात्रा में करती हैं। उनमे जुड़वां बच्चे पैदा करने की सम्भावना ज्यादा होती हैं।
4 .आपको बता दें की महिलाओं में जुड़वां बच्चे होने की सम्भावना पूरी तरह से अंडों व शुक्राणुओं के मिलने के तरीके पर निर्भर करता है।

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