हिंदू धर्म में बहुत से लोग ऐसे हैं जो जनेऊ पहनते हैं। जिनका वैज्ञानिक महत्व भी है। इसपर दुनिया के कई वैज्ञानिकों ने शोध किया हैं और इसके बारे में जानने की कोशिश की हैं। आपको बता दें की हिंदू धर्म में प्रत्येक हिन्दू का कर्तव्य है जनेऊ पहनना और उसके नियमों का पालन करना। जनेऊ धारण करने के बाद ही द्विज बालक को यज्ञ तथा स्वाध्याय करने का अधिकार प्राप्त होता है। आज इसी विषय में जानने की कोशिश करेंगे जनेऊ पहनने के वैज्ञानिक कारण के बारे में जिसे जानकर आप हैरान हो जायेंगे। तो आइये इसके बारे में जानते हैं विस्तार से।
1 .लंदन में हुए एक शोध के अनुसार हिंदुओं द्वारा मल- मूत्र त्याग के समय कान पर जनेऊ लपेटना बहुत ही फायदेमंद साबित होता हैं। शोध के अनुसार शौच के समय जनेऊ को कान के ऊपर लपेटने से कान के पास से गुजरने वाली उन नसों पर दबाव पड़ता है, जिनका संबंध सीधे आंतों से होता है और इन नसों पर दबाव पड़ने से कब्ज की समस्या दूर हो जाती है। साथ ही साथ इंसान का पेट अच्छी तरह से साफ़ हो जाता हैं।
2 .वैज्ञानिक शोध में इस बात का खुलासा हुआ हैं की शौच के समय जनेऊ कान के पास रखने से जो नसें दबती हैं, उनसे रक्तचाप नियंत्रण में रहता है और ब्लड प्रेशर की समस्या नहीं होती है। इससे शरीर का ब्लड सर्कुलेशन सामान्य रहता हैं।
3 .रिसर्च के अनुसार जनेऊ पहनने वाले लोगों को हृदय रोग और ब्लडप्रेशर की दिक्कत नहीं होती है। जनेऊ से शरीर में खून का प्रवाह सही तरीके से होता रहता है। जिससे इंसान खुद को स्वस्थ और ऊर्जावान महसूस करता हैं।
4 .आपको बता दें की नित्य कान पर जनेऊ रखने से इंसान की स्मरण शक्ति बेहतर होती है। इससे सोचने समझने की शक्ति अच्छी रहती हैं और इंसान की याददाश्त तेज हो जाती हैं। कान पर दबाव पड़ने से दिमाग की वे नसें खुल जाती हैं, जिनका संबंध स्मरण शक्ति से होता है।
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