बिहार में 100 साल बाद चल रहा जमीन सर्वे, जानिए फायदे

न्यूज डेस्क: बिहार के 20 जिलों में 100 साल बाद जमीन सर्वे का काम चल रहा हैं। लोग अपने-अपने जमीन का डिटेल्स सर्वे अधिकारी के पास जमा करके सर्वे का काम पूरा कर रहे हैं। जिन लोगों के पास जमीन का कागज नहीं हैं उन्हें सर्वे में थोड़ी दिक्कत भी हो रही हैं।

हालांकि लोगों के मन में सबसे बड़ा सवाल यह हैं की इस जमीन सर्वे से उन्हें क्या फायदा होगा। आज इसी विषय में जानने की कोशिश करेंगे की जमीन सर्वे से बिहार को कौन-कौन से फायदे होंगे तथा इससे लोगों को क्या हासिल होगा।

बिहार में 100 साल बाद चल रहा जमीन सर्वे, जानिए फायदे?

1 .आपको बता दें की जमीन सर्वे के द्वारा बिहार में जमीन का नया खतियान बनाया जायेगा जो जीवित रैयत के नाम से होगा।

2 .हर खतियान की चार कॉपी बनेगी, जिसमें एक कॉपी रैयत को दूसरा अंचलाधिकारी को तीसरा जिलाधिकारी और चौथा भू अभिलेख विभाग निदेशालय के पास सुरक्षित रहेगा।

3 .जमीन की खरीद-बिक्री होने पर खतियान भी अपडेट होता रहेगा। वर्तमान में जमीन की बिक्री होने पर खतियान अपडेट नहीं होता हैं।

4 .जमीन सर्वे के द्वारा जमीन का नया मानचित्र भी तैयार किया जायेगा।

5 .सर्वे के बाद जमीन के खतियान की हार्ड कॉपी और डिजिटल कॉपी भी तैयार होगी।

6 .जमीन सर्वे से जमीन का विवाद कम होगा तथा जमीन का फर्जीवाड़ा खत्म हो जायेगा।

7 .जमीन सर्वे के बाद लोग एक क्लिक पर ऑनलाइन के द्वारा जमीन का रिकॉड देख सकेंगे।

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