वहीं दूसरे महीने में चेहरा के साथ साथ शरीर के कई अंग विकसित करने लगते हैं और धीरे-धीरे भ्रूण के दोनों कान बनना शुरू हो जाते हैं। इसके बाद दोनों हाथ,पैर और अंगुलियों का विकास होने लगता हैं। साथ ही आहार नलिका और हड्डियों का निर्माण होता हैं।
आपको बता दें की छठे सप्ताह में शिशु की धड़कन धड़कने लगती हैं। वहीं दिमाग और स्पाइनल कोर्ड के साथ साथ शरीर के सारे ऑर्गन्स विकसित होने लगते हैं। वहीं चौथे महीने में बच्चे का आंख, नाक, नाखुन और जनजांग बन जाते हैं।
जबकि पांचवे महीने में ही शिशु अपना सिर घुमाने लगता हैं और अपना अंगुठा भी चुसना शुरू कर देता हैं। साथ हीं शिशु के सिर के बाल आदि भी बनने लगते हैं और शिशु की मांसपेशिया भी विकसित हो जाती हैं और धीरे-धीरे इसमें मजबूती आने लगती हैं।
छठे महीने में शिशु के महसूस करने की क्षमता बढ़ जाती है। जबकि सातवें महीने में शिशु पूरी तरह से विकसित हो जाता हैं। डॉक्टर बताते हैं की सातवें महीने में शिशु इतना विकसित हो जाता है कि प्री मेच्योर डिलीवरी हो जाये तो वह जीवित रह सकता है।
वहीं आठवें महीने में शिशु के फेंफड़ों के अलावा अन्य सभी शारीरिक अंगो का विकास पूरा हो चुका होता है। इस महीने में वो इतना विकसित हो जाता हैं की धरती के वातावरण में रह सकता हैं। जबकि नवें महीने में शिशु सामान्य जन्म के लिए तैयार होता हैं।
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