भारत और चीन की खेती में 10 बड़े अंतर?

नई दिल्ली: भारत और चीन की खेती में कई प्रमुख अंतर हैं, जिनकी वजह से दोनों देशों के कृषि क्षेत्र में विभिन्न नीतियाँ, अभ्यास और परिणाम देखे जाते हैं। भारत और चीन दोनों देश में कृषि प्रणाली का प्रभाव उनके आर्थिक और सामाजिक विकास पर पड़ता है।

भारत और चीन की खेती में 10 बड़े अंतर?

1 .कृषि प्रणाली:

भारत में कृषि मुख्यतः पारंपरिक तरीके से होती है। यहाँ छोटे क़िस्म के खेत होते हैं, जो परिवार आधारित होते हैं। जबकि चीन ने कृषि को आधुनिक तकनीकों से जोड़ा है, और वहाँ कृषि में बहुत सारी सरकार द्वारा प्रोत्साहित योजनाएँ हैं।

2 .कृषि योग्य भूमि: 

2021 तक, विश्व बैंक के आंकड़ों से पता चलता है कि चीन के पास लगभग 120 मिलियन हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि थी, जबकि भारत के पास लगभग 170 मिलियन हेक्टेयर विशेष रूप से कृषि भूमि के लिए समर्पित थी।

3 .प्रति हेक्टेयर उत्पादकता: 

चीन में प्रति हेक्टेयर औसत उत्पादकता भारत से ज़्यादा है। चीन में प्रति हेक्टेयर औसत उत्पादकता 4.7 टन है, जबकि भारत में यह 2.7 टन है।

4 .खेती की ज़मीन का आकार:

भारत में ज़्यादातर किसान छोटे और मध्यम आकार के खेतों पर काम करते हैं, औसतन खेत का आकार छोटा है।चीन में भी छोटे खेत हैं, लेकिन कुछ क्षेत्रों में बड़े खेतों की संख्या अधिक है और वहाँ औद्योगिकीकरण भी देखा जाता है।

5 .सिंचाई व्यवस्था:

भारत में सिंचाई के लिए नहरों, कुओं और ट्यूबवेल का उपयोग किया जाता है, लेकिन कई इलाकों में पानी की कमी और जलवायु परिवर्तन की वजह से समस्याएँ हैं। जबकि चीन में सिंचाई के लिए काफी प्रभावी तकनीकें हैं, जैसे ड्रिप इरिगेशन और उच्च गुणवत्ता वाली जल संसाधन प्रबंधन नीति हैं।

6 .सरकारी नीतियाँ और सब्सिडी:

भारत में सरकारी नीतियाँ और सब्सिडी किसानों के लिए महत्वपूर्ण हैं, लेकिन कई बार इन्हें गलत तरीके से वितरित किया जाता है। जबकि चीन सरकार किसानों के लिए सीधी वित्तीय सहायता, तकनीकी प्रशिक्षण और सुधार योजनाओं के माध्यम से अधिक सक्रिय है।

7 .कृषि उत्पादों का विविधता:

भारत में मुख्य रूप से चावल, गेहूं, दालें, तेलहन, और गन्ना जैसी कृषि उत्पादों की खेती होती है। जबकि चीन में चावल, मक्का, सोयाबीन और विभिन्न प्रकार की सब्जियाँ और फल उगाए जाते हैं। चीन ने विशेष रूप से उच्च तकनीक वाले कृषि उत्पादों की खेती में अधिक ध्यान दिया है।

8 .कृषि श्रमिक:

भारत में कृषि श्रमिकों की संख्या बहुत अधिक है, और कई लोग कृषि से जीवन यापन करते हैं। चीन में भी कृषि श्रमिकों की संख्या बड़ी है, लेकिन कई ग्रामीण क्षेत्रों में श्रमिकों का प्रवास औद्योगिक क्षेत्रों की ओर बढ़ा है।

9 .कृषि भूमि का स्वामित्व:

भारत में खेती की ज़मीन का स्वामित्व निजी है, और किसानों को मालिकाना हक प्राप्त है। जबकि चीन में कृषि भूमि का स्वामित्व सरकारी है, और किसानों को दीर्घकालिक पट्टे पर जमीन दी जाती है।

10 .कृषि निर्यात:

भारत कृषि उत्पादों का बड़ा निर्यातक है, विशेषकर चाय, मसाले, गेहूं, चावल और गन्ना। चीन भी कृषि उत्पादों का बड़ा निर्यातक है, और साथ ही वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है, खासकर मक्का, सोयाबीन, चाय, और फल आदि में।

0 comments:

Post a Comment