मंगलवार के 5 चमत्कारी मंत्र, होगा मंगल ही मंगल!

धर्म डेस्क: मंगलवार का दिन हनुमान जी और मंगल ग्रह से जुड़ा हुआ है। इस दिन कुछ मंत्रों का जाप विशेष रूप से मानसिक और शारीरिक संकटों से मुक्ति दिलाने, शत्रुओं से बचाव और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने के लिए किया जाता है।

मंगलवार के 5 चमत्कारी मंत्र, होगा मंगल ही मंगल!

1 .ॐ हं हनुमते नम:

यह मंत्र हनुमान जी के दिव्य रूप को प्रणाम करता है और उनकी अनंत शक्ति, साहस और आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए है।

2 .ॐ हं पवननन्दनाय स्वाहा

यह मंत्र हनुमान जी को पवन (वायु) के पुत्र के रूप में प्रणाम करता है। पवननन्दन के रूप में हनुमान जी को शक्ति, ऊर्जा और जीवन में साकारात्मक परिवर्तन लाने के रूप में पूजा जाता है। यह मंत्र विशेष रूप से आंतरिक शांति और शारीरिक बल प्राप्ति के लिए है।

3 .ॐ नमो भगवते पंचवदनाय पूर्वकपिमुखाय ठं ठं ठं ठं ठं सकल शत्रु संहारकाय स्वाहा

इस मंत्र में हनुमान जी के पंचवदन (पाँच मुखों वाले) रूप का वर्णन है, जिसमें उनका रूप शत्रु संहारक होता है। "ठं ठं ठं ठं ठं" का उच्चारण विशेष रूप से उनके शक्तिशाली रूप को व्यक्त करता है, जो शत्रुओं को नष्ट करने के लिए सक्षम है।

4 .ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा

यह मंत्र हनुमान जी को रुद्रावतार के रूप में प्रणाम करता है। यह विशेष रूप से शत्रुओं का नाश करने, रोगों से मुक्ति पाने, और सभी प्रकार की बाधाओं को दूर करने के लिए है। राम के दूत के रूप में हनुमान जी के कार्यों की महिमा का वर्णन है।

5 .ॐ नमो भगवते पंचवदनाय दक्षिणमुखाय करालवदनाय नरसिंहाय ॐ ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रें ह्रौं ह्रः सकल भूत प्रमथनाय स्वाहा

यहाँ हनुमान जी के पंचवदन रूप के दक्षिणमुख और करालवदन (भयंकर रूप) का उल्लेख है। साथ ही नरसिंह रूप का ध्यान किया जाता है, जो राक्षसों और बुरी शक्तियों के विनाश के लिए है। "ह्रां ह्रीं ह्रूं" के उच्चारण से शक्तिशाली तंत्र का संचार होता है।

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