योजना का उद्देश्य
स्टाम्प वाद समाधान योजना का मुख्य उद्देश्य उन सभी पक्षकारों को राहत देना है, जिनके खिलाफ राज्य के विभिन्न न्यायालयों में स्टाम्प संबंधित मुकदमे लंबित हैं। वर्तमान में, इन मामलों में अक्सर लंबी देरी होती है, जिससे न केवल पक्षकारों को परेशानी होती है, बल्कि सरकार को भी समय पर राजस्व प्राप्त नहीं हो पाता।
यह योजना ऐसे पक्षकारों को अवसर प्रदान करती है कि वे स्टाम्प की मूल राशि जमा करके बिना किसी अतिरिक्त अर्थदंड या जुर्माने के अपने मामलों का निस्तारण करवा सकें। इसके तहत न्यायालय द्वारा संबंधित मामलों का त्वरित निस्तारण किया जाएगा और पक्षकारों को मुकदमे से मुक्ति मिल जाएगी।
लंबित मामलों की स्थिति
उत्तर प्रदेश में वर्तमान में स्टाम्प के कुल 53,631 मामले विभिन्न न्यायालयों में लंबित हैं। इन मामलों के समाधान के लिए यह योजना एक कारगर उपाय साबित हो सकती है। यह योजना न केवल मामलों के निस्तारण में तेजी लाएगी, बल्कि सरकार को समय पर स्टाम्प शुल्क भी प्राप्त होगा। साथ ही, पक्षकारों को भी देरी के कारण बढ़ने वाले ब्याज और जुर्माने से छुटकारा मिलेगा।
सरकार की पहल और जनता के लिए राहत
योगी सरकार की यह पहल उत्तर प्रदेश के नागरिकों के लिए बड़ी राहत लेकर आई है। कई बार, लंबित मामलों के कारण नागरिकों को अतिरिक्त जुर्माने और ब्याज का भुगतान करना पड़ता है, जो उनकी आर्थिक स्थिति पर दबाव डालता है। इस योजना से लोग न केवल अपने मुकदमों का निपटारा जल्दी कर सकेंगे, बल्कि वे आर्थिक दृष्टि से भी सुरक्षित महसूस करेंगे।

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