रुद्रम-II के बारे में 7 महत्वपूर्ण बातें निम्नलिखित हैं:
1 .उन्नत एंटी-रेडिएशन मिसाइल: रुद्रम-II एक एंटी-रेडिएशन मिसाइल है, जिसका मुख्य उद्देश्य दुश्मन के रडार और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टमों को नष्ट करना है। यह मिसाइल उन रेडिएशन सिग्नल्स को ट्रैक करती है, जो रडार और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से निकलते हैं।
2 .डीआरडीओ द्वारा विकसित: यह मिसाइल भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित की गई है, और इसे भारतीय वायुसेना द्वारा उपयोग में लाया जाएगा। इस मिसाइल को सुखोई फाइटर जेट में लगाया गया हैं।
3 .रेंज और गति: रुद्रम-II की रेंज लगभग 250 किलोमीटर तक हो सकती है, और यह मिसाइल उच्च गति से दुश्मन के रडार पर हमला करती है, जिससे उसे बचने का कम समय मिलता है।
4 .उच्च सटीकता: रुद्रम-II की डिज़ाइन और तकनीकी क्षमता इसे उच्च सटीकता से दुश्मन के रेडिएशन स्रोतों तक पहुँचने में सक्षम बनाती है। यह न केवल रडार, बल्कि अन्य इलेक्ट्रॉनिक संचार और निगरानी प्रणालियों को भी निशाना बनाती है।
5 .नौसैनिक और वायुसेना में उपयोग: यह मिसाइल भारतीय वायुसेना के विमान जैसे सुखोई-30 एमकेआई पर लॉन्च की जा सकती है। भविष्य में इसे अन्य सैन्य प्लेटफार्मों पर भी तैनात किया जा सकता है।
6 .स्वदेशी तकनीकी क्षमता: रुद्रम-II पूरी तरह से स्वदेशी तकनीकी पर आधारित है, जो भारतीय रक्षा क्षेत्र की आत्मनिर्भरता को दर्शाता है। यह मिसाइल भारत की रक्षा क्षमता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
7 .रणनीतिक महत्व: रुद्रम-II भारतीय सैन्य बलों के लिए एक रणनीतिक कदम है, क्योंकि यह दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को निष्क्रिय करने के बाद अन्य मिसाइलों और हमलों को प्रभावी रूप से सक्षम बनाती है। इसके अलावा, यह दुश्मन के संचार प्रणालियों को नष्ट कर त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया को सुनिश्चित करती है।

0 comments:
Post a Comment