खबर के अनुसार सरकार ने इस संबंध में राज्य के सभी अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, डीजीपी, प्रमंडलीय आयुक्त और सभी डीएम को पत्र लिखा हैं। साथ ही साथ कहा है की सरकारी सेवकों द्वारा चल-अचल संपत्ति के क्रय- विक्रय के संबंध में बनाये गए नियमों का पालन कराये।
बता दें की मुख्य सचिव ने साफ कहा है की यदि कोई भी सरकारी सेवक अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं देते हैं या छुपाते हैं तो उनके खिलाफ करप्शन एक्ट के तहत केस दर्ज किया जायेगा। साथ ही साथ उनपर सख्त कारवाई भी की जाएगी।
सरकारी सेवक अपनी प्रथम नियुक्ति के समय और उसके बाद हर एक 12 महीनों के अंतराल पर अपनी संपत्तियों का पूरा ब्योरा देना होता हैं। लेकिन बिहार के कई अफसर और कर्मी इस नियम का उलंघन कर रहे हैं। इसी को देखते हुए सरकार ने ये फैसला लिया हैं।
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