बिहार में दादा की मृत्यु के बाद उनके संपत्ति का मालिक कौन ?
1 .दादा बिना किसी वसीयत को छोड़े मृत्यु को प्राप्त हो जाते है, तो उनकी पत्नी, पुत्र और बेटी को संपत्ति के वारिस का अधिकार प्राप्त होता हैं।
2 . दादा बिना किसी वसीयत के मर जाते हैं, तो मृतक की पत्नी, पुत्र और पुत्रियों द्वारा विरासत में मिली संपत्तियों को उनकी निजी संपत्ति माना जाता हैं।
3 .कानून के मुताबिक एक पोते का अपने दादाजी की खुद कमाई गई संपत्ति पर अधिकार नहीं है। यदि वह संपत्ति पोते के पिता को परिवार के द्वारा मिली है तो उस संपत्ति पर पोते का अधिकार माना जाता हैं।
4 .दादा के पास अगर कोई पैतृक संपत्ति है तो उस संपत्ति पर पोते-पोतियों का जन्म से अधिकार होता हैं। हालांकि दादा के बाद पिता और उसके बाद पोते-पोतियों का अधिकार माना जाता हैं।
5 .अगर कोई संपत्ति पैतृक है और दादा को विरासत में मिली है तो संपत्ति पर जन्म से अधिकार होता हैं। इसमें पिता या दादा की मृत्यु से कोई संबंध नहीं है।
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