इसका उद्देश्य भूमि सर्वे प्रक्रिया को सरल और तेज बनाना है, जिससे भूमि मालिकों को दस्तावेजों के लिए बार-बार दफ्तरों में चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। इसके अलावा, सरकार ने गैर मजरुआ भूमि, बकाश्त भूमि, और अन्य सरकारी भूमि का सर्वे सीधे सरकार के नाम पर करने का निर्णय लिया है।
इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी व्यक्ति गलत दस्तावेज़ों के माध्यम से सरकारी भूमि पर कब्जा न कर सके। इस प्रक्रिया में कब्जाधारी व्यक्तियों को बेदखल नहीं किया जाएगा, लेकिन उनके पास भूमि के स्वामित्व का प्रमाण होना चाहिए, जैसे कि रसीद या खतियान।
बिहार में यह कदम इस कारण उठाया गया है क्योंकि पिछले कुछ महीनों में जिला मुख्यालयों में दस्तावेज़ प्राप्त करने के लिए आवेदनों की संख्या में भारी वृद्धि हो गई है, जिससे दफ्तरों में लंबी कतारें और पेंडिंग मामलों की संख्या बढ़ी है। इस नई व्यवस्था से उम्मीद है कि दस्तावेज़ों की प्राप्ति और सर्वे की प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी और कारगर होगी।
0 comments:
Post a Comment