बिहार में ये सभी प्राइवेट ITI की मान्यता होगी रद्द

पटना: बिहार में प्राइवेट ITI (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) की मान्यता रद्द होने का खतरा पैदा हो गया है, क्योंकि राज्य सरकार अब इन संस्थानों के मानकों की कड़ी जांच करने जा रही है। इसको लेकर विभाग के द्वारा दिशा निर्देश जारी कर दिया गया हैं। 

खबर के अनुसार श्रम संसाधन विभाग ने यह फैसला लिया है कि वह प्राइवेट ITI की जांच करेगा, और जो संस्थान सरकारी मानदंडों को पूरा नहीं करेंगे, उनके पंजीकरण को रद्द कर दिया जाएगा। सरकार ने इसके लिए कुछ विशेष मानकों की पहचान की है, जिनका पालन करना आवश्यक होगा।

भवन और बिल्डिंग बाइलॉज: संस्थानों को भवन निर्माण के मानदंडों का पालन करना होगा। तभी किसी आईटीआई की मन्यता मिलेगी।

भूमि आकार: ग्रामीण इलाकों में दो सौ प्रशिक्षणार्थियों के लिए कम से कम दो एकड़ भूमि जरूरी होगी।  जबकि शहरी इलाकों में सवा एकड़ भूमि आवश्यक होगी।

लीज की शर्तें: अगर कोई संस्था भूमि लीज पर लेती है, तो उसे दस साल की लीज पर भूमि लेना अनिवार्य होगा। तभी आईटीआई की मान्यता होगी।

सुविधाएँ: संस्थानों की भौतिक संरचना,शिक्षक और कर्मचारी, शैक्षणिक सुविधाएं, छात्रों की संख्या की जांच की जाएगी। 

शुल्क: नामांकन प्रक्रिया, शुल्क संरचना और वित्तीय प्रबंधन पर जांच के दौरान खास फोकस होगा। जांच के बाद, जो निजी आईटीआई निर्धारित मानकों पर खरे नहीं उतरेंगे, उनका पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा।

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