यूपी में दादा-परदादा की जमीन अपने नाम कैसे करें

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में दादा-परदादा की ज़मीन को अपने नाम कराने के लिए आपको कुछ कानूनी प्रक्रिया और दस्तावेज़ी कार्रवाई से गुजरना पड़ेगा। आप कुछ कानूनी प्रक्रिया के तहत अपने दादा-परदादा की जमीन को अपने नाम करवा सकते हैं।

जमीन की स्थिति की जांच करें। 

सबसे पहले आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि जो ज़मीन आपके दादा-परदादा की थी, वह अब तक किसी और के नाम तो नहीं हो गई है। इसके लिए आपको ज़मीन के रिकॉर्ड की जांच करनी होगी। यह काम आप अपने ज़िले के तहसील कार्यालय या स्थानीय पटवारी से कर सकते हैं।

जमीन के दस्तावेज़ प्राप्त करें। 

दादा-परदादा की जमीन को अपने नाम करने के लिए आपको उस ज़मीन के सभी कागजात, जैसे कि भूमि पट्टा, खसरा नंबर, खतौनी और अन्य संबंधित दस्तावेज़ प्राप्त करने होंगे। इसके लिए आप अपने क्षेत्र के तहसीलदार कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।

विरासत का प्रमाणपत्र। 

यदि ज़मीन आपके दादा-परदादा की थी और आपके पास उनकी मृत्यु के बाद उस ज़मीन की मालिकाना हक को साबित करने के लिए विरासत प्रमाणपत्र है, तो यह बहुत मददगार होगा। अगर आपके पास विरासत प्रमाणपत्र नहीं है, तो आपको कोर्ट से या फिर तहसील से इसे बनवाना होगा।

नाम परिवर्तन के लिए आवेदन।

आपको तहसीलदार के पास जाकर उस ज़मीन के मालिकाना हक का रिकॉर्ड अपडेट करने के लिए आवेदन करना होगा। इसे "नक़ल" या "Mutation" कहते हैं, जिसमें आप अपने नाम को जमीन के मालिक के रूप में दर्ज करवाएंगे। इसके लिए एक आवेदन पत्र भरना होगा, साथ ही आपको कुछ दस्तावेज़ जमा करने होंगे।

प्रभावी कार्यवाही

तहसील में आवेदन करने के बाद, वहाँ के अधिकारी आपके दस्तावेज़ों की जांच करेंगे और यदि सब सही पाया जाता है, तो आपकी ज़मीन का रिकॉर्ड आपके नाम कर दिया जाएगा। यह प्रक्रिया कुछ समय ले सकती है, और इसमें कुछ शुल्क भी लग सकता है।

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