खबर के अनुसार राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है क्योंकि शिक्षक इन महत्वपूर्ण आंकड़ों को निर्धारित समय पर और सही तरीके से ऑनलाइन पोर्टल पर नहीं दर्ज कर रहे हैं। सरकर के इस कार्रवाई का शिक्षक संघ ने विरोध करते हुए इसे मुख्य सचिव के साथ हुए समझौते का उल्लंघन बताया है।
उनका कहना है कि वेतन रोकने की यह कार्रवाई अनुचित है, क्योंकि पहले इस संबंध में स्पष्ट निर्देश नहीं दिए गए थे। संघ ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार बिना उचित नोटिस या सूचना के शिक्षकों के खिलाफ यह सख्त कदम उठा रही है, जो उनकी कार्यशैली और मेहनत का अपमान है।
यह विवाद अब सरकार और शिक्षक संघ के बीच बातचीत का विषय बन गया है, क्योंकि शिक्षकों का तर्क है कि उनकी व्यस्तता और अन्य कार्यों के कारण समय पर ऑनलाइन डेटा भरना कठिन हो सकता है, जबकि सरकार का तर्क है कि यह एक जरूरी प्रशासनिक प्रक्रिया है।
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