खबर के अनुसार पटना में अब कोई भी व्यक्ति अपनी संपत्ति को बेचना या खरीदना नहीं कर सकेगा, जब तक कि वह नगर निगम द्वारा जारी किया गया संपत्ति कर का भुगतान रसीद प्रस्तुत न करे। यह रसीद ही संपत्ति की लेन-देन प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए अनिवार्य होगी।
बता दें की इस फैसले का उद्देश्य संपत्ति कर के भुगतान में चूक को रोकना और नगर निगम के राजस्व को बढ़ाना है। इससे संपत्ति कर की चोरी पर भी कड़ी निगरानी रखी जाएगी, और उन व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, जो कर की चोरी कर रहे हैं।
दरअसल यह कदम नगर निगम के लिए एक प्रभावी उपाय साबित हो सकता है, जिससे नगर निगम को वित्तीय स्थिरता मिल सके और शहर के विकास के लिए आवश्यक संसाधन जुटाए जा सकें। नगर निगम मद्य-निषेध एवं निबंधन विभाग के रजिस्ट्रार को पत्र लिखकर कहा कि संपत्ति की खरीद बिक्री के दौरान पटना नगर निगम का संपत्ति कर जमा रसीद अनिवार्य रूप से देखें।

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