1. एकड़ (Acre)
एक एकड़ जमीन एक मानक माप इकाई है, जो लगभग 4046.86 वर्ग मीटर या 43,560 वर्ग फीट के बराबर होती है। भारत में आमतौर पर कृषि भूमि की माप में एकड़ का उपयोग होता है। 1 एकड़ में 32.27 बिस्वा होता है, हालांकि यह संख्या क्षेत्र विशेष में भिन्न हो सकती है।
2. बिस्वा (Biswa)
बिस्वा भारतीय ज़मीन माप की एक पारंपरिक इकाई है, जो मुख्य रूप से उत्तर भारत में प्रचलित है। 1 एकड़ में लगभग 32.27 बिस्वा होते हैं, लेकिन बिस्वा का माप क्षेत्रीय भिन्नताओं पर निर्भर करता है। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, और दिल्ली में बिस्वा की माप अलग-अलग हो सकती है। उदाहरण के लिए, एक बिस्वा की माप कहीं 150 से 200 वर्ग गज हो सकती है।
3. किसान के माप की अन्य इकाइयाँ
सवा बीघा (Sawa Bigha): बीघा भारतीय भूमि माप की एक पारंपरिक इकाई है। एक सवा बीघा लगभग 1.25 बीघा के बराबर होता है। उत्तर प्रदेश में बीघा का आकार लगभग 2,500 वर्ग गज के आसपास होता है, लेकिन यह भी क्षेत्रीय बदलावों के आधार पर बदल सकता है।
बीघा (Bigha): बीघा एक और पारंपरिक माप इकाई है, जो अधिकतर उत्तर भारत के राज्यों में प्रयुक्त होती है। एक बीघा की माप आमतौर पर 2,500 से 2,800 वर्ग गज होती है, लेकिन राज्य विशेष में यह बदल सकती है। उत्तर प्रदेश में एक बीघा करीब 2,500 वर्ग गज के आसपास होती है।
गज़ (Gaj): गज़ एक और पारंपरिक माप इकाई है, जो 1 गज़ = 3 फीट के बराबर होती है। यह मुख्य रूप से ज़मीन के क्षेत्रफल को मापने के लिए उपयोग की जाती है, खासकर छोटे कृषि कार्यों में।
हज़ार (Hazar): हज़ार या हजार एक और माप इकाई है, जो खासतौर पर कुछ इलाकों में इस्तेमाल होती है। 1 हज़ार आमतौर पर 1,000 वर्ग गज के बराबर होता है, और यह माप मुख्य रूप से कृषि भूमि के पैमाने के लिए प्रयोग होती है।
मंज़िल (Manzil): यह भी एक पारंपरिक माप इकाई है, जो खासकर उत्तर प्रदेश में उपयोग की जाती है। 1 मंज़िल की माप लगभग 2,000 से 2,500 वर्ग गज के बीच होती है।
4. गांवों में ज़मीन मापने की इकाइयाँ
गांवों में ज़मीन मापने की इकाइयाँ अक्सर स्थानीय पारंपरिक मानकों पर आधारित होती हैं। जैसे कि ढ़ाई बीघा, सवा बीघा, किलेदार, या टुकड़ा आदि। इन इकाइयों का उपयोग आमतौर पर छोटे कृषि कार्यों या ज़मीन के विभाजन के लिए किया जाता है।
5. नया माप और सरकारी मानक
हालांकि ज़मीन मापने के पारंपरिक तरीके अब भी प्रचलित हैं, लेकिन भारत सरकार ने ज़मीन मापने की प्रक्रिया को मानकीकरण की दिशा में कई सुधार किए हैं। अब अधिकतर राज्यों में ज़मीन मापने के लिए मीटर, हेक्टेयर और एकड़ जैसी मानकीकृत इकाइयाँ प्रयोग की जाती हैं। ज़मीन का रिकॉर्ड रखने और मापने के लिए राजस्व विभाग के मानक भी लागू किए गए हैं।
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