एलडीए के अधिकारियों ने इन अवैध अपार्टमेंटों की पहचान कर ली है और अब इनकी गिराने की प्रक्रिया शुरू करने जा रहे हैं। इस कार्रवाई से प्रभावित होने वाले सभी आवंटी परिवारों को नोटिस जारी कर दिए गए हैं। इन्हें 15 दिनों के अंदर अपने फ्लैट खाली करने का आदेश दिया गया है।
बुलडोजर की कार्रवाई का कारण
यह मामला 2010 और 2012 में ही शुरू हो गया था जब इन अवैध अपार्टमेंटों के निर्माण पर रोक लगाने के आदेश जारी किए गए थे। हालांकि, संबंधित अधिकारियों ने इन आदेशों को नजरअंदाज कर दिया और मामला ठंडे बस्ते में चला गया। तब से लेकर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। मगर 2012 में जनहित याचिका दायर होने के बाद 2014 में अवैध अपार्टमेंटों की सूची बनाई गई थी। इसके बावजूद कागजी कार्यवाही के अलावा कोई प्रगति नहीं हुई। हालांकि, कुछ हिस्सों को तोड़ा भी गया था, लेकिन पूरी तरह से निर्माण पर रोक नहीं लगाई गई।
हाई कोर्ट की सख्ती के बाद कार्रवाई की शुरुआत
अब, हाई कोर्ट की सख्त दिशा-निर्देशों के बाद एलडीए ने इन अपार्टमेंटों को गिराने की योजना बनाई है। इसके तहत विभूति खंड में स्थित अवैध अपार्टमेंटों को सबसे पहले निशाना बनाया गया है। एलडीए अधिकारियों का कहना है कि यह अपार्टमेंट्स पूरी तरह से अवैध निर्माण के तहत बने हैं और इसमें रहने वाले लोगों के खिलाफ कोई रियायत नहीं दी जाएगी।
किसे मिलेगा नुकसान, किसे नहीं?
आवंटी परिवारों के लिए यह एक बड़ा झटका है, क्योंकि उन्हें न तो कोई मुआवजा मिलेगा और न ही विस्थापन के लिए दूसरी जगह आवंटित की जाएगी। एलडीए अधिकारियों के अनुसार, यह मामला पूरी तरह से अवैध निर्माण का है, और जिन लोगों ने इन अपार्टमेंट्स को खरीदा या बेचा, वे जिम्मेदार हैं। निर्माणकर्ता और संपत्ति के मालिक दोनों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
0 comments:
Post a Comment