यूनिफाइड पेंशन स्कीम की विशेषताएँ:
1. सुनिश्चित पेंशन: UPS स्कीम की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें कर्मचारियों को एक सुनिश्चित पेंशन मिलेगी। अगर कोई कर्मचारी 25 साल की सेवा पूरी करता है, तो उसे सेवानिवृत्ति के समय अंतिम 12 महीनों का औसत मूल वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा। वहीं, यदि कर्मचारी की सेवा 10 साल से अधिक और 25 साल से कम है, तो पेंशन राशि उसी अनुपात में निर्धारित होगी। इससे कर्मचारियों को भविष्य में वित्तीय सुरक्षा मिलेगी।
2 .फैमिली पेंशन का प्रावधान: UPS स्कीम में कर्मचारी की मृत्यु के बाद फैमिली पेंशन का भी प्रावधान किया गया है। कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसकी पेंशन का 60% उसके परिवार को दिया जाएगा। इसके अलावा, न्यूनतम 10 साल की सेवा के बाद सेवानिवृत्त होने पर 10,000 रुपये प्रति माह पेंशन का प्रावधान है। इसके साथ ही महंगाई के साथ पेंशन में वृद्धि भी सुनिश्चित की जाएगी, जो उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICP) के आधार पर होगी।
3 .ग्रैच्युटी और एकमुश्त राशि: कर्मचारियों को UPS स्कीम के तहत ग्रैच्युटी के अलावा, नौकरी छोड़ने पर एकमुश्त राशि भी मिलेगी। यह राशि कर्मचारियों की हर छह महीने की सेवा के आधार पर निर्धारित की जाएगी और इसमें मूल वेतन और महंगाई भत्ते का दसवां हिस्सा शामिल होगा।
4 .कर्मचारी और सरकार का योगदान: UPS स्कीम में कर्मचारी को अपने मूल वेतन और DA (महंगाई भत्ता) का 10% अंशदान करना होगा, जबकि सरकार 18.5% का योगदान करेगी। यह अंशदान पेंशन फंड को मजबूत बनाने में मदद करेगा और कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित बनाएगा।
UPS स्कीम की तुलना पुरानी पेंशन योजना (OPS) और NPS से:
पुरानी पेंशन योजना (OPS): OPS में कोई कर्मचारी का अंशदान नहीं होता था। इसमें सरकार की जिम्मेदारी थी कि वह कर्मचारियों को उनकी सेवा के अंत में पेंशन दे। हालांकि, OPS की सबसे बड़ी कमी यह थी कि कर्मचारियों को टैक्स लाभ का फायदा नहीं मिलता था।
राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS): NPS में कर्मचारियों को अपनी पेंशन के लिए 10% अंशदान करना होता है और सरकार भी 14% का योगदान करती है। NPS योजना में कर्मचारियों को टैक्स बेनिफिट्स मिलते हैं, जो आयकर अधिनियम, 1961 के तहत आते हैं। इस योजना में सेवानिवृत्त होने पर एकमुश्त राशि के रूप में भी फंड निकालने का विकल्प होता है और बाकी राशि से नियमित पेंशन मिलती है।
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