सुरक्षा ऑडिट के तहत ये 5 काम किए जाएंगे:
1 .बिजली सुरक्षा: विद्यालय में बिजली के तारों की स्थिति की जांच की जाएगी ताकि वे लटके न हों। शॉर्ट सर्किट से बचने के लिए एमसीबी (मिनीट्योर सर्किट ब्रेकर) का इंतजाम किया जाएगा। इसके अलावा, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बिजली, हीटर और एयर कंडीशनिंग उपकरणों की निगरानी सही तरीके से हो और ये रात भर खुले न छोड़े जाएं। प्रत्येक सप्ताह सभी बल्ब और ट्यूबलाइट्स की जांच की जाएगी।
2 .खेल के मैदान की सुरक्षा: खेल के मैदानों में जंग लगी लोहे की रॉड्स और नुकीले कोनों की समस्या को ठीक किया जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि छात्रों के खेलने के दौरान इनसे कोई खतरा न हो।
3 .आपातकालीन संपर्क विवरण: विद्यालयों में स्थानीय पुलिस स्टेशन और अस्पताल के जरूरी नंबरों को दीवारों पर स्पष्ट रूप से लिखने का आदेश दिया गया है, ताकि आपातकालीन स्थिति में तत्काल सहायता प्राप्त की जा सके।
4 .भवन और संरचनाओं की सुरक्षा: विद्यालय भवन की संरचनाओं की गहरी जांच की जाएगी। छत और दीवारों में कोई दरार नहीं होनी चाहिए, फाल्स सीलिंग को ठीक से लगाया गया हो, कक्षाओं की दीवारों का प्लास्टर सही हो और प्रवेश और निकास मार्ग स्पष्ट और सुरक्षित हों। गलियारों में कोई भी अवरोध नहीं होना चाहिए और स्कूल के फर्श पर टूटे हुए टाइल्स या अत्यधिक फिसलन की समस्या नहीं होनी चाहिए।
5 .अग्निशमन यंत्रों की जांच और आपदा प्रबंधन: विद्यालयों में अग्निशमन यंत्रों की सही स्थिति की जांच की जाएगी। इसके अलावा, आपातकालीन स्थिति जैसे आग, बाढ़ और भूकंप के दौरान सुरक्षित निकास की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिए, विद्यालयों में साल में दो बार मॉकड्रिल आयोजित की जाएगी ताकि शिक्षक और छात्र आपातकालीन परिस्थितियों में सही तरीके से प्रतिक्रिया कर सकें।
इन सुरक्षा मानकों को लागू करने के लिए महानिदेशक, स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से सभी जिलों को निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) से एक सूची भी तैयार कराई है, जिसमें यह बताया गया है कि विद्यालयों में सुरक्षा के लिए कौन-कौन से कदम उठाए जाने चाहिए। यह कदम छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और किसी भी तरह के खतरे को कम करने के उद्देश्य से उठाए जा रहे हैं।
0 comments:
Post a Comment