किसे मिलेगा फायदा?
इस योजना में विशेष समूहों को ध्यान में रखते हुए प्राथमिकता दी जाएगी, जिनमें निम्नलिखित वर्ग शामिल हैं: विधवा महिलाएं, अविवाहित महिलाएं, दिव्यांगजन, वरिष्ठ नागरिक, ट्रांसजेंडर्स, अनुसूचित जाति/जनजाति, अल्पसंख्यक समुदाय, सफाई कर्मी, स्ट्रीट वेंडर, जो पीएम स्वनिधि योजना के लाभार्थी हैं, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के लाभार्थी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, श्रमिक वर्ग, झुग्गियों में रहने वाले लोग
वित्तीय सहायता और विशेष अनुदान:
इस योजना में विभिन्न श्रेणियों के लिए वित्तीय सहायता का प्रावधान है। उदाहरण के तौर पर: वरिष्ठ नागरिकों को 30,000 रुपये का विशेष अनुदान मिलेगा। विधवा और तीन तलाक से प्रभावित महिलाओं को 20,000 रुपये का अनुदान मिलेगा। बीएलसी (लाभार्थी आधारित निर्माण) योजना में आवास 12 महीने में पूर्ण करने पर 10,000 रुपये का पुरस्कार मिलेगा।
आय की सीमा और चयन प्रक्रिया
तीन लाख रुपये तक की आय वाले परिवारों को दुर्बल आय वर्ग में रखा जाएगा। तीन से छह लाख रुपये की आय वाले परिवार निम्न आय वर्ग में आएंगे। छह से नौ लाख रुपये तक की आय वाले परिवार मध्यम आय वर्ग में शामिल होंगे। पात्रों का चयन जिला स्तर पर एक कमेटी द्वारा किया जाएगा, जिसमें जिलाधिकारी या नगर आयुक्त अध्यक्ष होंगे। चयन प्रक्रिया के तहत लाभार्थी को पांच वर्ष तक आवास बेचना नहीं होगा।
योजनाओं की प्रमुख विशेषताएं:
लाभार्थी आधारित निर्माण (बीएलसी) योजना: इस योजना में ईडब्ल्यूएस श्रेणी के पात्र परिवारों को 30 से 45 वर्ग मीटर की भूमि पर पक्के आवासों के निर्माण के लिए केंद्रीय सहायता 1.5 लाख रुपये और राज्य सरकार से 1 लाख रुपये का सहयोग मिलेगा। आवास निर्माण में तेजी लाने के लिए 12 महीनों के अंदर आवास बनाने पर अतिरिक्त 10,000 रुपये का पुरस्कार मिलेगा।
भागीदारी में किफायती आवास (एएचपी) योजना: इस योजना में सार्वजनिक और निजी संस्थाएं ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लिए किफायती आवासों का निर्माण करेंगी। हर आवास इकाई पर 2.5 लाख रुपये की सब्सिडी दी जाएगी, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार से क्रमशः 1.5 लाख और 1 लाख रुपये की सहायता प्राप्त होगी।
अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग (एआरएच) योजना: इस योजना का उद्देश्य शहरी प्रवासियों, बेघर लोगों, औद्योगिक श्रमिकों, कामकाजी महिलाओं, निर्माण श्रमिकों, और छात्रों को किफायती किराये के आवास उपलब्ध कराना है।
ब्याज सब्सिडी योजना (आइएसएस): इस योजना में ईडब्ल्यूएस, एलआईजी और एमआईजी के लाभार्थियों को 35 लाख रुपये तक के आवास मूल्य पर ऋण प्राप्त करने पर ब्याज पर सब्सिडी मिलेगी। इस योजना के तहत 12 वर्ष तक 4% ब्याज पर ऋण उपलब्ध होगा।
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