बिहार में 31 को जमीन सर्वे का पोर्टल बंद नहीं होगा

पटना: बिहार में जमीन सर्वे के पोर्टल के बारे में एक महत्वपूर्ण अपडेट सामने आया है। राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि 31 मार्च को यह पोर्टल बंद नहीं होगा। इससे पहले यह खबर फैली थी कि 31 मार्च को जमीन सर्वे पोर्टल को बंद कर दिया जाएगा, लेकिन अब सरकार ने इसे बढ़ाकर और खुले तौर पर सभी रैयतों को दस्तावेज़ जमा करने का समय और अवसर प्रदान किया है। इसका मुख्य कारण यह है कि अभी तक राज्य के आधे रैयत भी अपनी स्वघोषणा नहीं कर पाए हैं।

स्वघोषणा की प्रक्रिया

स्वघोषणा में रैयतों को अपने भूमि स्वामित्व से संबंधित सभी दस्तावेज़ जैसे खतियानी, वंशावली और अन्य प्रमाणपत्र जमा करने होते हैं। इस प्रक्रिया के तहत सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि प्रत्येक भूमि मालिक के पास अपनी भूमि के स्वामित्व का सही दस्तावेज हो, ताकि जमीन विवादों को टाला जा सके।

स्वघोषणा की समय सीमा बढ़ी

स्वघोषणा के लिए पहले 30 दिन का समय निर्धारित किया गया था, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 180 कार्यदिवसों तक कर दिया गया। इसके साथ ही कैबिनेट ने बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त (संशोधन) नियमावली को भी स्वीकृत किया था, जिससे रैयतों को और अधिक समय मिल सके। इस फैसले से रैयतों को अपना स्वघोषणा और अन्य दस्तावेज़ जमा करने में सुविधा मिली है।

पोर्टल में तकनीकी समस्याएं

हालांकि, यह प्रक्रिया तकनीकी समस्याओं से जूझ रही है। पोर्टल में सर्वर की समस्याओं के कारण कई बार रैयतों को स्वघोषणा में दिक्कतें आई हैं। इसके चलते कई रैयत अपने दस्तावेज़ समय पर ऑनलाइन जमा नहीं कर पाए हैं। इसके बावजूद सरकार ने रैयतों को परेशानियों का सामना करने की बजाय उनके लिए अधिक समय देने का निर्णय लिया है।

आगे की प्रक्रिया और समय सीमा

अब सरकार ने यह निर्णय लिया है कि 31 मार्च को पोर्टल बंद नहीं होगा और इसकी समीक्षा के बाद ही यह तय किया जाएगा कि स्वघोषणा जमा करने का समय कब तक बढ़ाया जाएगा। इसके बाद रैयतों से प्राप्त दावों और आपत्तियों की सुनवाई की जाएगी, फिर जमीन का लगान तय कर दिया जाएगा। सर्वे का काम दिसंबर 2026 तक पूरा करना है।

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