भारत की डिफेंस एक्सपोर्ट में बढ़ोतरी
भारत ने डिफेंस सेक्टर में अपनी मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं को एक नई दिशा दी है। पहले भारत अन्य देशों से हथियारों का आयात करता था, लेकिन अब उसने न केवल अपनी जरूरतों को पूरा किया है, बल्कि 21 गुना बढ़ते हुए डिफेंस एक्सपोर्ट की दिशा में भी महत्वपूर्ण मील का पत्थर तय किया है। भारत वर्तमान में 80 से अधिक देशों को हथियार और डिफेंस उपकरणों का निर्यात कर रहा है, जो उसकी वैश्विक शक्ति के रूप में पहचान को और मजबूत करता है।
किसे क्या मिल रहा हथियार है?
भारत के डिफेंस एक्सपोर्ट का दायरा बहुत व्यापक है। दुनिया भर के देशों को भारत विभिन्न प्रकार के हथियारों, उपकरणों और डिफेंस सॉल्यूशंस की आपूर्ति कर रहा है। इसमें ब्रह्मोस मिसाइल, आर्टिलरी गन, और डॉर्नियर-228 एयरक्राफ्ट जैसे उच्च तकनीकी उत्पाद शामिल हैं। भारत ने कई देशों जैसे अर्जेंटीना, फिलीपींस, और नाइजीरिया से स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस को निर्यात करने के लिए बातचीत शुरू की है। साथ ही, बुलेट प्रूफ जैकेट, गोला-बारूद, रॉकेट और राडार जैसी चीजें भी भारत द्वारा विभिन्न देशों को भेजी जा रही हैं।
भारत के डिफेंस सेक्टर का विस्तार
भारत का डिफेंस सेक्टर सिर्फ हथियारों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें हाई फ्रीक्वेंसी रेडियोज, कोस्टल सर्विलांस राडार, नाइट विजन मोनोकुलर और बाइकुलर जैसी अत्याधुनिक तकनीकी प्रणालियां भी शामिल हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत के डिफेंस सेक्टर से साल दर साल 32 प्रतिशत की वृद्धि हो रही है, और पिछले साल डिफेंस एक्सपोर्ट का आंकड़ा 21 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच चुका था।
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और भारत का बढ़ता रुतबा
भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट न केवल दक्षिण एशिया, बल्कि मध्य-पूर्व, यूरोप और अफ्रीका जैसे क्षेत्रों में भी फैला हुआ है। रूस, इटली, यूएई, फिलीपींस, सऊदी अरब, और मालदीव जैसे देशों के साथ भारत की रक्षा साझेदारी मजबूत हो रही है। इसके अलावा, ब्रिटेन, अमेरिका, और फ्रांस जैसे देशों से भी भारत डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों की खरीदारी कर रहा है, जो भारत की उत्पादन क्षमताओं का प्रमाण है
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