यूपी में सरकारी कर्मचारियों के लिए अहम घोषणा

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है, जिसके तहत अब कर्मचारियों को अपनी वार्षिक संपत्ति विवरण (एपीआर), वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) और छुट्टी के आवेदन मानव संपदा पोर्टल पर ऑनलाइन जमा करने होंगे। यह आदेश 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगा और राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए प्रशासनिक पारदर्शिता को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इस निर्णय से सरकारी कामकाजी प्रक्रिया में सुगमता और पारदर्शिता आएगी, जिससे कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच एक साफ और सहज व्यवस्था स्थापित होगी।

मानव संपदा पोर्टल का महत्व

मानव संपदा पोर्टल का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों की विभिन्न जानकारियों को एक प्लेटफॉर्म पर एकत्र करना और उनका प्रबंधन करना है। इस पोर्टल का उपयोग कर्मचारियों के लिए अपनी संपत्ति विवरणी, गोपनीय रिपोर्ट और छुट्टियों के आवेदन ऑनलाइन दर्ज करने के लिए किया जाएगा। इससे न केवल प्रशासनिक कार्यों की गति बढ़ेगी, बल्कि पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी, जिससे कर्मचारियों के प्रदर्शन और कार्यों का मूल्यांकन अधिक निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से किया जा सकेगा।

1 अप्रैल से होगा लागू नियम

मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार, अब से सभी सरकारी कर्मचारियों को 1 अप्रैल 2025 से मानव संपदा पोर्टल पर अपनी वार्षिक संपत्ति विवरण (एपीआर), वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) और छुट्टियों के आवेदन ऑनलाइन प्रस्तुत करने होंगे। यह कदम सरकारी कर्मचारियों के लिए डिजिटल परिवर्तन की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इससे पहले यह कार्य कागजी रूप में होते थे, जिससे समय की बर्बादी और पारदर्शिता की कमी जैसी समस्याएं होती थीं।

प्रशासनिक पारदर्शिता में बढ़ोतरी

इस कदम से प्रशासनिक पारदर्शिता में भी बढ़ोतरी होगी। अब सरकारी कर्मचारियों के बारे में सभी जानकारी एकत्रित और ऑनलाइन होगी, जिससे उनकी कार्यप्रणाली और प्रदर्शन की निगरानी आसान होगी। साथ ही, किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार या अनुशासनहीनता को रोकने में मदद मिलेगी। यह कदम राज्य सरकार की जवाबदेही बढ़ाएगा और सरकारी कामकाजी प्रक्रिया को अधिक स्पष्ट बनाएगा।

कर्मचारियों के लिए सुविधाएं

यह नया पोर्टल कर्मचारियों के लिए भी सुविधाजनक होगा। अब कर्मचारियों को अपनी वार्षिक रिपोर्ट्स और छुट्टियों के आवेदन के लिए किसी भी विभागीय अधिकारी के पास जाने की आवश्यकता नहीं होगी। वे घर बैठे इन कार्यों को ऑनलाइन कर सकेंगे, जिससे उनका समय और श्रम बच सकेगा। इसके अलावा, इस पोर्टल के जरिए कर्मचारियों को तुरंत जानकारी मिल सकेगी कि उनका आवेदन स्वीकार किया गया है या नहीं, जिससे लंबी प्रक्रियाओं में देरी नहीं होगी।

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