एक रिपोर्ट के मुताबिक योगी सरकार के इस कार्यवाही में 142 अरब रुपये से अधिक की चल-अचल अवैध संपत्तियों को जब्त किया गया है और साथ ही माफिया के 68 प्रमुख सदस्य तथा उनके करीब डेढ़ हजार सहयोगियों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा, 617 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया और 752 अपराधियों पर गैंगस्टर एक्ट लागू किया गया है।
यूपी में कानून-व्यवस्था की नई मिसाल
योगी सरकार के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश केवल विकास की दृष्टि से ही नहीं, बल्कि कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर भी काफी आगे बढ़ा है। राज्य सरकार ने माफिया और अपराधियों के खिलाफ कड़ी नीतियां अपनाई हैं, जिसके कारण अपराधियों के मनोबल को तोड़ा गया है। पुलिस प्रशासन की सक्रियता और तकनीकी उन्नयन ने अपराधियों पर शिकंजा कसा है। इस सख्त रवैये के कारण प्रदेश का हर नागरिक अब अपने आपको सुरक्षित महसूस करता है, जो सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है।
यूपी पुलिस ने आधुनिक तकनीकों, जैसे सीसीटीवी सर्विलांस और पुलिस रिकॉर्ड्स के माध्यम से अपराधियों पर नज़र रखी और उनकी गतिविधियों को समय रहते पहचान लिया। साथ ही, कानूनों की सख्ती ने अपराधियों को धर दबोचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इससे राज्य में अपराधियों के खिलाफ एक डर का माहौल बना है और उन्होंने अपनी गतिविधियों पर अंकुश लगाया है।
उत्तर प्रदेश में अपराधों में भारी कमी
योगी सरकार के कार्यकाल में यूपी में अपराधों में उल्लेखनीय गिरावट आई है। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, 2016 के मुकाबले डकैती की घटनाओं में 84.41 प्रतिशत कमी आई है। इसी तरह, लूट के मामलों में 77.43 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। इसके अलावा, अपहरण, दहेज हत्या और बलात्कार जैसी गंभीर अपराधों में भी महत्वपूर्ण गिरावट आई है। यह सरकार के कठोर कदमों और पुलिस की सक्रियता का परिणाम है।
योगी सरकार ने न केवल माफिया और गैंगस्टरों के खिलाफ कार्रवाई की, बल्कि अपराधियों के खिलाफ कड़े कानूनों का भी पालन सुनिश्चित किया। इससे प्रदेश में सुरक्षा का माहौल बेहतर हुआ है, और नागरिकों को यह अहसास हुआ है कि सरकार उनके साथ है।
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