एजोस्पर्मिया के कारण:
जन्मजात दोष
कुछ लड़के जन्म से ही ऐसे दोषों के साथ पैदा होते हैं जो उनके शुक्राणु उत्पादन को प्रभावित करते हैं। इनमें से कुछ दोषों में जेनेटिक (आनुवांशिक) समस्याएं शामिल हो सकती हैं, जैसे कि कलाइनफेल्टर सिंड्रोम (Klinefelter Syndrome), जो एक आनुवांशिक स्थिति है, जिसमें पुरुषों के पास अतिरिक्त X गुणसूत्र होता है और इसका असर शुक्राणु उत्पादन पर पड़ता है।
इसके अलावा, अन्य जन्मजात दोषों में वैरिकोसील (Varicocele) जैसी स्थितियाँ भी शामिल हो सकती हैं, जो अंडकोष में रक्त प्रवाह को प्रभावित करती हैं और शुक्राणु उत्पादन में रुकावट डालती हैं। हालांकि इस समस्या का मेडिकल साइंस के द्वारा ठीक किया जा सकता हैं।
एजोस्पर्मिया के निदान और उपचार:
एजोस्पर्मिया का निदान सामान्यतः रक्त परीक्षण, हार्मोनल जांच, अंडकोष का अल्ट्रासाउंड, और शुक्राणु की जांच (सैम्पल द्वारा) के माध्यम से किया जाता है। उपचार का तरीका उसके कारण पर निर्भर करता है। यदि जन्मजात दोषों के कारण यह समस्या हो, तो कुछ मामलों में हार्मोनल उपचार, शल्य चिकित्सा या सहायक प्रजनन तकनीकों जैसे आईवीएफ (IVF) या आईसीएसआई (ICSI) की मदद से इलाज किया जा सकता है।
यदि हार्मोनल असंतुलन का मामला हो, तो टेस्टोस्टेरोन जैसे हार्मोन की सप्लीमेंटेशन से शुक्राणु उत्पादन को बढ़ावा दिया जा सकता है। कुछ मामलों में, अंडकोष में रक्त प्रवाह बढ़ाने के लिए शल्य चिकित्सा की आवश्यकता हो सकती है, जैसे कि वैरिकोसील की सर्जरी आदि।
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