इसके साथ ही, भारत ने दुनिया को एक स्पष्ट संदेश दिया है कि वह अब हाइपरसोनिक मिसाइल टेक्नोलॉजी में भी अग्रणी बन चुका है। इस तकनीक की वजह से यह मिसाइल किसी भी मौजूदा एयर डिफेंस सिस्टम को नाकाम करने में सक्षम है, जिससे दुश्मन के लिए इसका सामना करना लगभग नामुमकिन हो गया है।
LRAShM मिसाइल: क्या खास है?
LRAShM मिसाइल की सबसे बड़ी विशेषता इसकी हाइपरसोनिक गति और लंबी रेंज है। यह मिसाइल केवल हवा से हवा में ही नहीं, बल्कि समुद्र से समुद्र तक भी ऑपरेट करने में सक्षम है। इसकी रेंज 1500 किलोमीटर से अधिक है, जिससे यह दुश्मन के क्षेत्र में घुसकर उनके महत्वपूर्ण ठिकानों को आसानी से निशाना बना सकती है। इसकी गति इतनी अधिक है कि किसी भी सामान्य मिसाइल रक्षा प्रणाली के लिए इसे रोक पाना असंभव हो जाता है।
हाइपरसोनिक मिसाइलें ध्वनि की गति से नौ गुना तेज होती हैं, और LRAShM भी इस श्रेणी में आती है। इसकी गति इतनी अधिक है कि यह किसी भी एयर डिफेंस प्रणाली को चुनौती दे सकती है, जिससे इसे रोकने के लिए दुश्मन के पास कोई प्रभावी उपाय नहीं है।
भारत की ताकत बढ़ी, पाकिस्तान और चीन में खलबली
भारत की इस हाइपरसोनिक मिसाइल के परीक्षण के बाद, विशेष रूप से पाकिस्तान और चीन में इसके असर को लेकर चर्चा तेज हो गई है। पाकिस्तान, अब इस मिसाइल की शक्ति से डर गया है। पाकिस्तान के पास फिलहाल ऐसी कोई तकनीक नहीं है जो LRAShM जैसी हाइपरसोनिक मिसाइल का सामना कर सके।
चीन, जो इस क्षेत्र में भारत का एक प्रमुख प्रतिद्वंदी है, भी इस नई मिसाइल को लेकर चिंतित है। चीन की सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की हाइपरसोनिक मिसाइल उनके एयर डिफेंस सिस्टम के लिए एक बड़ी चुनौती पेश कर सकती है। चीन के पास भी हाइपरसोनिक तकनीक है, लेकिन LRAShM के सफल परीक्षण के बाद भारत ने अपनी रक्षा क्षमता को एक नया आयाम दे दिया है।
भारत के इस LRAShM मिसाइल की प्रभावशीलता
भारत की LRAShM मिसाइल का प्रमुख लाभ यह है कि इसकी तेज गति और अत्याधुनिक मार्गदर्शन प्रणाली इसे और भी प्रभावी बनाती है। इस मिसाइल का डिजाइन इस तरह से किया गया है कि यह दुश्मन के रडार से बचकर अपने लक्ष्य तक पहुंचने में सक्षम है, जिससे इसे रोका नहीं जा सकता।
साथ ही, इसके प्रभावी रेंज के चलते, भारत अब अपनी समुद्री और हवाई रक्षा में भी एक मजबूत स्थिति में है। LRAShM की मदद से भारतीय सेना दुश्मन के इलाकों में अधिक प्रभावी तरीके से हमला कर सकती है, जिससे उसे अप्रत्यक्ष रूप से सुरक्षा का लाभ मिलेगा।
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